धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश में शीघ्र ही निजि क्षेत्र में 2200 करोड़ के निवेश से हीरोहांडा उद्योग इकाई स्थापित की जा रही है जिससे प्रदेश के वेरोजगार युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे।
यह जानकारी उद्योग, श्रम रोजगार एवं पूर्व सैनिक कल्याण मंत्री किशन कपूर ने आज यहां राजकीय अध्यापक शिक्षा महाविद्यालय के वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह में बतौर मुख्य अतिथि अपने सम्बोधन में दी।
श्री कपूर ने बताया कि प्रदेश के अस्तित्व में आने के उपरान्त शिक्षा के क्षेत्र में एक क्रांति आई है तथा वर्ष 1948 में हिमाचल प्रदेश की साक्षरता दर 8 प्रतिशत थी, जो वर्तमान में 85 प्रतिशत से भी अधिक पहुंच चुकी है। उन्होंने बताया कि वर्तमान प्रदेश सरकार शिक्षण संस्थानों में आधार भूत ढांचागत निर्माण व गुणवत्ता लाने के लिये चालू वित्त वर्ष के दौरान 2567 करोड़ रूपये की राशि व्यय कर रही है, जो गत वर्ष की तुलना में 300 करोड़ रूपये अधिक है।
उन्होंने प्रशिक्षु अध्यापकों से बच्चों के चरित्र निर्माण व गुणात्मक शिक्षा पर बल देते हुए कहा कि अध्यापक बच्चों के सर्वागीण विकास में अहम भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने अध्यापकों का आहवान किया कि बच्चों में अनुशासन, परिश्रम तथा कर्तव्यपरायणता के साथ-साथ देश भक्ति की भावना उत्पन्न करें ताकि बच्चे युवा बन कर समाज व राष्ट्र की सेवा कर सकें। उन्होंने कहा कि प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बन कर उतरा है तथा राज्य में क्रांति का सूत्रपात हुआ है।
श्री कपूर ने कहा कि महाविद्यालय के विज्ञान भवन पर 1 करोड़ 13 लाख 80 हजार रूपये व्यय किये जाएंगे जिसके लिए 70 लाख रूपये बजट का प्रावधान कर दिया गया है जिसका काम शीघ्र ही शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त महाविद्यालय में बहुमंजिला भवन बनाया जाएगा जिसपर 4 करोड़ 14 लाख 10 हजार रूपये खर्च होंगे जिसके लिए भी 70 लाख रूपये का बजट प्रावधान कर दिया गया है।
उद्योग मंत्री ने विद्यार्थियों एवं प्रशिक्षणार्थियों को स्वच्छ एवं शीतल जल उपलब्ध करवाने के लिए कॉलेज परिसर में एक वाटर कूलर तथा एक वाटर प्यूरीफायर लगाने की भी घोषणा की।