प्रदेश में 60 हजार सार्वजनिक नलों को निजी नलों में परिवर्तित किया गया: रवि

धर्मशाला : गत दो वर्षों के दौरान प्रदेश में 60 हजार सार्वजनिक नलों को निजी नलों में लोगों द्वारा स्वेच्छा से परिवर्तित किया गया है जिससे जहां पानी के व्यर्थ बहने पर काफी हद तक नियंत्रण हुआ है वहीं पर निजी नलों से प्राप्त होने वाले राजस्व का उपयोग पेयजल योजनाओं के सुदृढ़ीकरण पर किया जा रहा है। यह जानकारी सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य मंत्री रविन्द्र सिंह रवि ने आज पालमपुर में एक प्रैस वार्ता के दौरान दी।

श्री रविन्द्र सिंह रवि ने बताया कि ग्लोबल वार्मिंग एवं पर्यावरण असन्तुलन होने से जिस प्रकार सूखे की स्थिति बनी है उससे जल स्तर काफी घटने लगा है जोकि चिन्ता का विषय है। उन्होंने कहा कि अब लोगों को जल के महत्व के बारे में जागरूक होना समय की आवश्यकता बन गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा आगामी बजट में जल स्त्रोतों के संरक्षण एवं वर्षा जल संग्रहण को विशेष प्राथमिकता दी जायेगी तथा इस कार्यक्रम के तहत प्रदेश में बहने वाले नदी नालों पर चैकडैम लगाकर जल का भण्डारण करके उसका उपयोग सिंचाई एवं अन्य कार्यों के लिए किया जायेगा।

प्रो0 प्रेम कुमार धूमल द्वारा प्रस्तुत वर्ष 2010-2011 के बजट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए श्री रविन्द्र रवि ने कहा कि बजट के आकार में आगामी वित्त वर्ष के लिए 300 करोड़ रूपये की वृद्वि दर्ज की गई है जिससे पूरे प्रदेश का सन्तुलित एवं समान विकास सुनिश्चित होगा। उन्होंने 13वें वित्त आयोग पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आयोग द्वारा हिमाचल प्रदेश के साथ अनदेखी की गई है और अन्य राज्यों के बजट में जहां 126 प्रतिशत की वृद्वि की गई है वहीं पर हिमाचल प्रदेश के बजट में केवल 50 प्रतिशत बढ़ौतरी करके अन्याय किया गया है।

सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि विकट आर्थिक परिस्थितियों के बावजूद प्रदेश में विकास के कार्यों में धन की कमी को आडे नहीं आने दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि आगामी वित्त वर्ष के बजट में मु यमंत्री द्वारा सामाजिक सुरक्षा पैंशन के लिए आय सीमा को 11 हजार से बढ़ाकर 15 हजार किया गया है जबकि गृह अनुदान को 38500 से बढ़ाकर 48500 किया गया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2008 में वर्तमान सरकार द्वारा ही गृह अनुदान को 27500 से बढ़ाकर 38500 किया गया था।

श्री रविन्द्र सिंह रवि ने बताया कि बजट में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों की प्रथम दो कन्याओं के जन्म पर ”बेटी है अनमोल कार्यक्रम” के तहत 5100 रूपये की राशि की एफडी प्रदान की जायेगी ताकि यह राशि कन्या के वयस्क होने पर उसके काम आ सके। उन्होनें बताया कि ग्राम पंचायतों के उप प्रधान और नगर निगम के महापौर, नगर परिषद एवं नगर पंचायत के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्षों का चुनाव सीधे तौर पर किया जायेगा।

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