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प्रधानमंत्री ने 98वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस को संबोधित किया

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नई दिल्ली: आज प्रधानमंत्री डॉ0 मनमोहन सिंह ने चेन्‍नई में 98वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस को संबोधित किया । इस अवसर पर उन्‍होंने कहा कि हमारा आर्थिक विकास, लोगों का स्‍वास्‍थ्‍य और देश की सुरक्षा वैज्ञानिक और तकनीकी सामर्थ्‍य पर निर्भर करता है । सरकार वैज्ञानिक शोध के लिए उपयुक्‍त सहायता भी देती है । प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने देश के विश्‍वविद्यालयों की व्‍यवस्‍था की संरचना और विकास पर पिछले छ: वर्षों से विशेष ध्‍यान दिया है । उन्‍होंने शिक्षक समुदाय से कहा कि वे विश्‍वविद्यालयों में शिक्षण और शोध विषयक व्‍यवस्‍था को मजबूत बनायें ।

प्रधानमंत्री ने कहा कि विज्ञान में बड़ी-बड़ी खोज ने जहां नए तकनीकी विकल्‍पों से समाज को प्रभावित किया है और मानवता ने लाभ अर्जित किया है, वहीं कभी-कभी इसका प्रयोग हानिकारक उद्देश्‍यों की पूर्ति के लिए भी किया गया। विज्ञान का प्रयोग समाज में समय की प्राथमिकता और उपयोगिता के ऊपर भी निर्भर करता है । प्रधानमंत्री ने कहा कि आण्‍विक क्षमता ने एक ओर जहां बम दिया, तो वहीं दूसरी ओर परमाणु ऊर्जा भी दी है, जो विकास की संभावनाओं को बढ़ाता है ।

डा0 मनमोहन सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री की विज्ञान सलाहकार परिषद ने अगस्‍त 2010 में देश के लिए एक विजन और रोडमैप तैयार करके एक रिपोर्ट पेश की है, जिसके द्वारा भारत विज्ञान के क्षेत्र में विश्‍व का नेतृत्‍व करे । प्रधानमंत्री ने बताया कि वर्ष 2012-13 भारतीय विज्ञान का सौवां वर्ष होगा । उन्‍होंने इच्‍छा जताई कि विज्ञान एवं तकनीकी मंत्रालय विज्ञान कांग्रेस के संयोजन से वर्ष 2012-13 के लिए भारत के विज्ञान वर्ष की रूपरेखा तैयार करे ।