शिमला : हिमाचल प्रदेश में HRTC बस में प्रेशर कुकर के डिब्बे के किराये को लेकर सियासत गरमाई हुई है। करीब एक सप्ताह से सोशल मीडिया पर उस बस टिकट की तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें किराये के साथ प्रेशर कुकर का भी शुल्क लिया गया था। इस मुद्दे ने विपक्षी दल भाजपा को भी कांग्रेस सरकार पर निशाना साधने का मौका दे दिया है।
इस मामले में अब हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम (HRTC) ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए स्थिति स्पष्ट कर दी है। निगम ने यह कहा है कि बस कंडक्टर ने सभी नियमों का पालन करते हुए किराया वसूला है। निगम ने क्लीन चिट देते हुए कंडक्टर को निर्दोष करार दिया।
रिकांगपिओ डिपो के क्षेत्रीय प्रबंधक के अनुसार, 4 दिसंबर 2024 को धर्मशाला-ठंगी बस सेवा में कंडक्टर रोहन कौंडल ड्यूटी पर थे। इस बस में यात्रा कर रहे दो छात्रों के पास कुल 5 बैग, एक हीटर और एक टेबल था। निगम की सामान नीति के अनुसार, प्रत्येक यात्री अपने साथ 30 किलोग्राम सामान या दो बैग मुफ्त ले जा सकते हैं।
चूंकि छात्रों के पास इन सीमा के अतिरिक्त लगभग 30 किलो सामान था, कंडक्टर ने निगम की नीति के अनुसार अतिरिक्त सामान पर किराया लिया। निगम ने इस बात को स्पष्ट किया कि परिचालक ने किसी प्रकार की अनियमितता नहीं की है और सभी शुल्क नियमों के मुताबिक ही वसूले गए हैं।
वहीं, भाजपा ने इस मुद्दे पर कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाए हैं और सरकार की नीतियों की आलोचना की है। भाजपा ने यह भी सवाल उठाया कि क्यों इस मामले में छात्रों से अतिरिक्त सामान शुल्क लिया गया। HRTC के क्षेत्रीय प्रबंधक ने फिर से यह बताया कि निगम की सामान नीति स्पष्ट रूप से प्रत्येक यात्री के सामान की सीमा निर्धारित करती है। उनके अनुसार, अतिरिक्त सामान पर शुल्क लेने की प्रक्रिया पूरी तरह से नियमों के अंतर्गत है।
इस विवाद ने राजनीतिक दृष्टिकोन से एक नई बहस को जन्म दे दिया है, जिसमें सरकार और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति देखी जा रही है। निगम ने स्पष्ट कर दिया कि सभी कार्रवाई नियमों के अनुसार की गई हैं और किसी प्रकार की अनियमितता नहीं बरती गई है।