धर्मशाला: सचिव खाद्य एवं आपूर्ति हिमाचल प्रदेश सरकार, श्री अनिल खाची ने विभाग को निर्देश जारी करते हुए कहा कि फर्जी राशन कार्ड की छानबीन के लिये पंचायत से समन्वय स्थापित करके आवश्यक कदम उठाये जाएं ताकि राज्य की जनसंख्या तथा जारी राशन कार्ड के मुताबिक आबादी में कोई भिन्नता उत्पन्न न हो।
सचिव खाद्य एवं आपूर्ति आज यहां उपायुक्त कांगड़ा, खाद्य एवं आपूर्ति तथा पंचायत विभाग के अधिकारियों के साथ कांगड़ा जिला में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बारे समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
श्री खाची ने कहा कि प्रदेश में फर्जी राशन कार्ड की पहचान के लिये विशेष अभियान चलाया गया है, क्योंकि राज्य की आबादी व जारी कार्डों में दर्ज आबादी में काफी भिन्नता है, जिसे दूर करने के लिये स्थानीय निकायों एवं पंचायत स्तर पर पुनः राशन कार्डों की छानबीन की जा रही है।
उन्होंने स्थानीय निकायों एवं पंचायत सचिवों को निर्देश दिये कि वह जारी राशनकार्ड की समयबद्ध जांच करें तथा फर्जी राशनकार्डों की पहचान होने पर तुरन्त रद्द कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि राशनकार्ड जारी करते समय परिवार रजिस्टर को भी देखा जाना चाहिए तथा परिवार रजिस्टर को ही आधार मानकर स्थाई राशनकार्ड जारी किया जाना चाहिए।
उन्होंने कांगड़ा जिला में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत लोगों को उपलब्ध करवाये जा रहे आवश्यक वस्तुओं, रसोई गैस एवं मिट्टी का तेल इत्यादि के वितरण पर संतोष व्यक्त करते हुए विभाग को निर्देश दिये कि जिला में आवश्यक वस्तुओं की कीमतों पर नियंत्रण रखने के दृष्टिगत निरीक्षण कार्य को प्रभावी ढंग से किया जाना चाहिए तथा निर्धारित मूल्य से अधिक मूल्य वसूल करने वाले व्यापारियों के विरूद्ध आवश्यक कार्यवाही की जानी चाहिए।
श्री खाची ने जानकारी दी कि गत दो वर्षों के दौरान प्रदेश में लोगों को सस्ती दरों पर आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध करवाने पर विशेष उपदान योजना के तहत 275 करोड़ रूपये व्यय किये गये। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य है, जहां पर समाज के सभी वर्गों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत मिलने वाली वस्तुओं पर उपदान दिया जाता है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में कुल 4407 उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से 16 लाख परिवारों को सस्ती दरों पर आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं, जिसमें 1.97 लाख अंत्योदय तथा 3.17 लाख बीपीएल परिवार शामिल हैं।
उपायुक्त कांगड़ा श्री आर.एस. गुप्ता ने इस अवसर पर जानकारी देते हुए कहा कि गत दो वर्षों के दौरान कांगड़ा जिला में उचित मूल्यों की 26 नई दुकानें खोली गई हैं। उन्होंने बताया कि जिला मंे कुल 3.72 लाख राशन कार्ड धारक हैं जिसमें 2.50 लाख एपीएल, 66368 बीपीएल तथा 43 हजार अंत्योदय परिवार शामिल हैं जिन्हें 930 उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से उपदान पर खाद्यान उपलब्ध करवाया जा रहा है। इसके अतिरिक्त ज़िला में 23 गैस एजेन्सियों के माध्यम से प्रतिमाह 286321 गैस कनैक्शन धारकों को गैस उपलब्ध करवाई जा रही है।
उन्होंने सचिव को जानकारी दी कि गत दो वर्षों के दौरान जमाखोरी पर अंकुश लगाने तथा खुले बाजार में मूल्यों को नियन्त्रण करने के लिये 5551 दुकानों के निरीक्षण किये गये तथा चार लाख रुपये की राशि जुर्माने के रुप में सरकारी कोष में जमा की गई।