नाहन: प्रदेश में बंद होने वाले प्राथमिक स्कूलों के भवन ग्राम पंचायतों के हवाले किए जाएंगे। जिनकी देखरेख व रखरखाव का जिम्मा पंचायतें स्वयं करेगी। शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव द्वारा प्रदेश में अन्य स्कूलों में विलय किए जाने वाले 10 या इससे कम छात्रों की संख्या वाले स्कूलों की अधिसूचना विभिन्न जिलों के शिक्षा उपनिदेशकों को जारी कर दी गई है। हिमाचल प्रदेश के प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने कम बच्चों की संख्या वाली प्राथमिक पाठशालाओं पर तालेबंदी की तैयारी तकरीबन पूरी कर ली है। शिक्षा विभाग ने बंद होने वाले स्कूलों के भवनों के बारे में स्थिति स्पष्ट की है कि इन भवनों का प्रयोग पंचायतों को सौंपा जाएगा। विभागीय अधिसूचना के अनुसार प्रदेश के 2 हजार से अधिक स्कूल मर्ज होंगे। जिसमें सिरमौर जिला में यह आंकड़ा 28 है। विभाग के अनुसार स्कूलों में छात्रों की संख्या को बढ़ाने के प्रयास भी जारी हैं। जिससे स्कूलों पर तालाबंदी की नौबत न आए।
उधर, शिक्षा उपनिदेशक एलीमेंट्री मदन लाल ने अधिसूचना मिलने की पुष्टि की है। जिन स्कूलों को बंद करने के फरमान जारी हुए हैं। उन स्कूलों का दौरा करेंगे। सरकार की ओर से बंद होने वाले स्कूलों के भवनों को स्थानीय पंचायतों को हैंडओवर करने के आदेश हैं। सरकार ने छात्रों को तीन किलोमीटर के पैदल दूरी तय करने पर 600 रुपए वार्षिक भत्ता देने का फैसला भी लिया है। अधिसूचना में कठिन भौगोलिक परिस्थितियों की सूरत में बंद होने वाले स्कूलों के छात्रों को निकटवर्ती समायोजित होने वाले स्कूल में पढऩे जाने के लिए दूरी भत्ता प्रदान किया जाएगा।
अधिसूचना में सरकार ने स्कूलों में तालाबंदी के शब्द का प्रयोग नहीं किया जाएगा। तालाबंदी शब्द के बजाए विलय शब्द का इस्तेमाल किया है। यह अलग बात है कि स्कूल बंद करने के खिलाफ विभाग को ग्रामीणों के प्रस्ताव मिल रहे है। सरकार द्वारा जारी की गई अधिसूचना के अनुसार सिरमौर जिले के 28 स्कूल बंद होंगे। इसमें चैंगण, लोधिया, शिलाई भंगाड़ी, नाव बरवा, बड़ा छतर, शिवा सनोग, चूरियां, झाझर, बोरली, सियसू, कालथ, खूइनल, धनाला, जोंग, कूटवी पनारा, फरोग, पेड़वा, भेतर कूई, ब्राबली बहनार, रोही, चाई मरयोग, घील कंगाहा, काटल, जंगलोट, बोइल, साइंगा, च्योग व गातू शामिल हैं।