शिमला: इस सप्ताह शुरू हो रहे 11वें अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल ऑफ शिमला (IFFS) में पहली बार एक नई और अनूठी पहल की गई है। फेस्टिवल में विशेष रूप से बच्चों के लिए ‘बचपन‘ नामक एक विशेष खंड समर्पित किया गया है, जिसके तहत 5 से 7 सितम्बर तक ऐतिहासिक गेयटी थिएटर में दुनिया भर की बाल फिल्में दिखाई जाएंगी।

क्या है ‘बचपन’ खंड?
मुख्य फिल्म फेस्टिवल के समानांतर चलने वाले इस ‘बचपन’ खंड में बच्चों के लिए चुनी गई लघु फिल्मों, एनिमेशन और फीचर फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा। फेस्टिवल के निदेशक पुष्प राज ठाकुर के अनुसार, इसका उद्देश्य केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि बच्चों में रचनात्मकता, सांस्कृतिक समझ और सिनेमा के प्रति रुचि को बढ़ावा देना है।
बच्चों को मिलेगा फिल्मकारों से मिलने का मौका
गेयटी के गोथिक थिएटर में तीनों दिन सुबह 10 बजे से शाम 7 बजे तक चलने वाले इस कार्यक्रम में बच्चे न केवल फिल्में देखेंगे, बल्कि उन्हें फिल्मकारों से सीधे संवाद करने का मौका भी मिलेगा। इन विशेष सत्रों में बच्चे फिल्म निर्माण की बारीकियों को समझ सकेंगे और अपने मन में उठ रहे सवाल पूछ सकेंगे।
गौरतलब है कि शिमला फिल्म फेस्टिवल के 11वें संस्करण में इस वर्ष 43 देशों और 23 भारतीय राज्यों की कुल 163 फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा, जो इसे देश के प्रमुख फिल्म समारोहों में से एक बनाता है। इसका आयोजन हिमालयन वेलोसिटी द्वारा सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और हिमाचल सरकार के भाषा एवं संस्कृति विभाग के सहयोग से किया जा रहा है।