नाहन: बास्केटबाल की प्रतिस्पर्धाओं में अपना लोहा मनवा चुकी खुश्बू वालिया अपनी एक अलग पहचान बना चुकी है। जिला सिरमौर नाहन की रहने वाली खुश्बू वालिया न एन. वी. ओ. न्यूज से विशेष बातचीत में बताया कि उनकी ईच्छा अंर्तरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने की थी लेकिन सुविधा की कमी से वह यह मुकाम हासिल नहीं कर पाई। खुश्बू वालिया का कहना है कि जब भी कोई प्रतियोगिता चाहे वह जिला स्तरीय, राज्य स्तरीय व राष्ट्रीय हो कोचिंग सिर्फ दस या पंद्रह दिन की होती है, जिससे खिलाडी अपने आपको तैयार नहीं कर पाता। नाहन शहर में पली-बडी खुश्बू वालिया के पिता प्रदीप वालिया व माता ज्योति वालिया का कहना है कि खुश्बू को बचपन से ही बास्केटबाल खेलने का शौक था।
खुश्बू वालिया का कहना है कि जिला सिरमौर में भी एक बास्केटबाल हास्टल होना चाहिए तथा सही तरीके की कोचिंग व सुविधा भी होनी चाहिए, जिसमें खिलाडी आपने आपको तैयार कर सके। खुश्बू वालिया का कहना है कि बास्केटबाल कोच सुदेश, सुशील शर्मा व अभय कंवर बास्केटबाल खिलाडियों को सही कोचिंग देते है लेकिन सुविधाएं कम होने की वजह से खिलाडी अपने को सही तरीके से प्रेपयर नहीं कर सकता। गौर हो कि खुश्बू वालिया ने पांच जिला स्तरीय प्रतियोगिताएं, राज्य स्तरीय ओपर जूनियर 5, राज्य स्तरीय महिला वर्ग में 9 व वरिष्ठ राज्य स्तरीय में 5 बार जिला सिरमौर का प्रतिनिधित्व किया है। इसके अलावा राष्ट्र स्तरीय प्रतियोगिता में वरिष्ठ राष्ट्रीय स्तरीय गुजरात व पंजाब के अलावा ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी भूनेश्वर उडीसा, अमृतसर पंजाब के अलावा स्कूल नेशनल दिल्ली, महिला राज्य स्तरीय भूपाल, पांडूचेरी, लुधियाना व विशाखापटनम खेल चुकी है। इसी के साथ जूनियर नेशनल पांडूचेरी राजस्थान व लुधियाना के अलावा यूथ नेशनल जसमेर राजस्थान, कांगडा हिमाचल प्रदेश व सब जूनियर नेशनल पांडूचेरी आदि में अपना दबदबा कायम कर चुकी है। खुश्बू वालिया का कहना है कि अगर छतीसगढ हास्टल की तरह जिला सिरमौर में भी हास्टल सुविधा हो जाए तो जिला सिरमौर में भी अच्छे खिलाडी जिला सिरमौर के साथ-साथ प्रदेश का नाम रोशन कर सकते है।