ज्वालामुखी: सामुदायिक स्वास्थय केन्द्र ज्वालामुखी में इन दिनो वीएमओ की मनमानी से स्वास्थय केन्द्र में आने वाले मरिजो को परेशानी का सामना करना पड रहा है। सूरतेहाल यह है कि ज्वालामुखी अस्पताल में दो ओपीडी है जिसमें से एक ओपीडी को वीएमओ साहब अपने आफिस के रुप में चला रहे हैं। गौरतलब है कि ज्वालामुखी स्वास्थय केन्द्र में दो डाक्टर है और एक आरकेएस के तहत महिला डाक्टर भी है, जो कि इन दोनो ओपीडी में मरिजो की जाँच कर उन्हे देखते थे । ऐसे में बीएमओ के एक ओपीडी को आफिस को बनाए जाने से दूसरे ओपीडी में दोनो डाक्टरो को एक साथ बैठना पड रहा है। १०० प्रतिशत ओपीडी एक ही कमरे में देखी जा रही है जबकि दोनो ओपीडी में डाक्टरो के वैठने से ५०-५० प्रतिशत ओपीडी को अलग -२ देखा जाता था जिससे मरिजो का समय भी बचता था और निरीक्षण भी उचित ढंग से हो पाता था। एक ही कमरे में दोनो डाक्टरो के बैठने से भीड ज्यादा होती है,और निरिक्षण भी सही ढंग से नही हो पा रहा है। जिससे आने जाने में दिक्कत हो रही है।
पूनम मडीयाल बीडीसी सदस्य देहरा व अंजू ,राजकुमारी,शान्ति,मंजू आदि महिलाओ को कहना है कि एक ही ओपीडी में दो डाक्टरो के वैठने से भीड ज्यादा हो जाती है जिससे महिलाओ को परेशानी होती है और महिलाओ का निरीक्षण भी डाक्टर सभी के सामने कर रहे है कोई गोपनीयता नही है क्योकि निरीक्षण मेज सभी के सामने लगा है। कोई परदा नही है। जिससे जाँच करवाऐ जाने में संकोच होता है,ऐसे में परेशानी बढती जा रही है। खाद्य आपूर्ति मंत्री रमेश ध्वाला ने भी बीएमओ को लोगो की मँग और समस्या को देखते हुए अन्यत्र आफिस शिफ्ट करने के निर्देश दिए थे लेकिन बीएमओ को करीब एक महिने से यहँ डयूटी ज्वाईन किए हो गया है परन्तु अभी तक अपना आफिस शिफ्ट नही किया है। ना जाने क्यूं बीएमओ ने अपना अडियल रवैया अपनाऐ रखा है। सीएमओ कुलतार सिंह डोगरा का इस बारे कहना है कि बीएमओ को निर्देश काफी समय से आफिस शिफ्ट करने के कर दिए है अगर अभी तक आफिस शिफ्ट नही किया है तो आदेशो की अवहेलना पर सख्त कार्यवाही की जाएगी और तत्काल प्रभाव से बीएमओ को आफिस शिफ्ट करने के लिए कहा जाऐगा। दोनो ओपीडी में केवल डाक्टर ही बैठेगें। जिससे लोगो को कोई परेशानी ना हो। स्वास्थय विभाग लोगो की सेवा के लिए हमेशा तत्पर है।