ब्यास नदी पर पुल न बनने से लोगों में रोष

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ज्वालामुखी: ब्यास नदी के उपर पुल न बनने के कारण ग्राम पंचायत लुथान के गांव सुधंगल के साथ-साथ सिल,डोडरू,डिब्बा,पींग गोडा व सिहोरवाला के लोगों ने प्रदेश सरकार

के प्रति भारी रोष प्रकट किया है। सुधंगल गांव के लोगों का कहना है कि सन् 1984 में केंद्रीय इस्पात मंत्री राजा वीरभद्र सिंह ने गांव का दौरा किया था, तथा लोगों का आश्वासन दिलाया था कि जल्द ही यहां पर पुल का निर्माण कर दिया जाएगा,उसके बाद 7-8 बार इसका सर्वे भी हो चुका है। परंतु उसके बाद भी यहां पर पुल का निर्माण कार्य शुरू नहीं किया गया। जिसके कारण लोगों में प्रदेश सरकार के प्रति भारी रोष है। गांव के लोगों में जगत राम,जगरनाथ,सब इन्सपेक्टर राम दयाल व राम स्वरूप के साथ ग्राम पंचायत लुथान के गांव सुधंगल की प्रधान नीलम जम्बाल का कहना है कि यह गांव ज्वालाजी विधानसभा के अंदर आता है तथा हमीरपुर में इसकी जो डी.पी.आर.तैयार की गई है उसमें इस पुल को नादौन,वेला अमतर वाया सुधंगल, सिल का नाम दिया गया है। उनका कहना है कि गांव के लोगों को ,पढऩे वाले वच्चों को व और भी अन्य जरूरतमंद काम के लिए नादौन जाना पड़ता है ,ओर सिर्फ नादौन जाने के लिए उन्हें 10-12 किलो मीटर का सफर तय करना पड़ता है जिसमें सिर्फ जाने के लिए ही उनका 15 रूपयें किरायें के लग जाते है, और वापिस आना हो तो फिर से 15 रूपये लग जाते है। लोगों का कहना है कि ऐसे में तो अगर गांव के लोगों को , कालेज व स्कूलों में पढऩे वाले वच्चों को जाना हो तो वह किस्ती का सहारा लेकर नादौन पहुंचते है, परंतु कई बार किस्ती न हो तो या फिर मौसम खराब हो तो उन्हें बस से जाना पड़ता है और आने जाने में 30 रूपये किराए के लग जाते है, जोकि हर कोई नहीं दे सकता है। लोगों का कहना है कि रात को कोई बीमार पड़ता है तो काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है।

इन सभी परेशानियों की बजह से हमारे गांव के कछ लोग बिना दवाईयों के ही स्वर्ग सिधार चुके है, क्योंकि अगर रात के समय में कोई भी बूढा या नव युवक या बच्चे बीमार पड़ते है तो उन्हें नादौन जाने के लिए कई कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। उनका कहना है कि प्रदेश सरकार ने इस गांव के बिल्कुल सामने अमतर में एक स्टेडियम बनाया है जिसे बनाने के लिए लगभग 14-15 करोड़ रूपये का खर्च आया है, हालांकि इस स्टेडियम का इतना ज्यादा लोगों को कोई फायदा नहीं है। उनका कहना है कि अगर सरकार इस स्टेडियम के लिए 14-15 करोड़ रूपये का खर्च कर सकती है तो गांव के लोगों की सहायता करके 3-4 करोड़ इस पुल के लिए नहीं लगा सकती। लोगों का कहना है कि हमें सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य मंत्री ठा. रविंद्र रवि व प्रदेश के खाद्य-आपूर्ति मंत्री रमेश ध्वाला ने भी आश्वासन दिया था कि हम इस बारे में मुख्यमंत्री से बातचीत करेंगे तथा जल्दी ही यहां पर पुल का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। परंतु आज तक इसका निर्माण कार्य शुरू ही नहीं हुआ लोगों ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि जैसे ज्वालामुखी में चंम्बापतन पुल का निर्माण कार्य चल रहा है वैसे ही इस पूल को बनाने का कार्य जल्दी से किया जाए। लोगों का कहना है कि अगर प्रदेश सरकार ने हमारे गांव की मुलभूत सुविधाओं की तरफ ध्यान नहीं दिया तो आने वाले समय में हम पंचायत के चुनावों के साथ-साथ विधान सभा के चुनावों का भी बहिष्कार करेंगे, जिसके लिए सिर्फ प्रदेश सरकार जिम्मेदार होगी।