भर्ती फर्जीवाड़े के पांच आरोपियों में से दो को पांच दिन पुलिस रिमांड

ज्वालामुखी: (बिजेन्दर शर्मा) । असम रायफल भर्ती फर्जीवाड़े के पांच आरोपियों में से दो को अदालत ने पांच दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा है, जबकि अन्य तीन आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। पुलिस ने आरोपी देहरा की अदालत में पेश किए थे। डीएसपी मनमोहन सिंह ने बताया कि असम रायफल भर्ती फर्जीवाड़े में संलिप्त पांच आरोपियों कुलदीप, रंजीत, जोगिंद्र, रमेश व संजीव सेरी को अदालत में पेश किया, जहां से भाजपा नेत्री के पति व देवर कुलदीप और रंजीत को पांच दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा है, जबकि जोगिंद्र, रमेश व संजीव सेरी को दो सप्ताह की न्यायिक हिरासत में रखने के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि रिमांड के दौरान पुलिस आरोपियों से पूछताछ करेगी, जिससे मामले से संबंधित कई अहम बातें उजागर हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि मामले में संलिप्त अन्य लोगों के बारे में भी पुलिस पड़ताल कर रही है। केस को सुलझाकर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इससे पूर्व मामले में संलिप्त अनीता संदल पहले से ही अग्रिम जमानत पर है।

माना जा रहा है आरोपियों से पूछताछ के दौरान कोई बड़ा खुलासा हो सकता है। अधिकतर पीडि़त युवकों का आरोप है कि उन्होंने इन दोनों आरोपियों को ही रकम सौंपी थी। देहरा पुलिस ने रात करीब आठ बजे दोनों आरोपियों रणजीत सिंह और कुलदीप सिंह निवासी गरली को पकड़ा था। दोनों को तुरंत देहरा पुलिस थाने ले आई। हालांकि दोनों आरोपियों को हाइकोर्ट से जमानत मिल गई थी। लेकिन यह जमानत ज्वालामुखी में हुए केस के लिए मिली थी। जबकि देहरा थाने में हुई शिकायत पर जमानत नहीं ली थी। दोनों पर असम राइफल में भरती करवाने के एवज में पीडि़त युवकों से रकम ऐंठने का आरोप लगा है। अब तक देहरा पुलिस इस मामले में पांच लोगों को हिरासत में ले चुकी है।

आरोपियों पर असम राइफल में भर्ती करने के नाम कई युवकों से डेढ़-डेढ़ लाख लेने का आरोप है। युवकों से कहा गया था कि दस अक्तूबर तक उन्हें कॉल लेटर मिल जाएगा। लेकिन जब दस अक्तूबर तक कॉल लेटर नहीं मिला तो उन्हें अंदेशा हुआ कि उनके साथ धोखाधड़ी हुई है। इसके बाद उन्होंने इसकी शिकायत थाना देहरा और ज्वालामुखी में दर्ज करवाई थी।

असम राईफल व हिमाचल प्रदेश के दूसरे महकमों में बेरोजगारों को रोजगार दिलाने के नाम पर सुर्खियों में आई सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की महिला नेता अनिता संदल की कुछ दिन पहले तक भाजपा में खूब तूती बोलती थी। विधायकों से लेकर मंत्रियों तक अनिता की सीधी पंहुच थी। प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल की भी अनिता पर खास कृपा रही है। यही वजह है कि पिछले चुनावों में भारी विरोध के बावजूद अनिता संदल को परागपुर हल्के से भाजपा का टिकट मिल गया था। हालांकि वह भाजपा के बागी नवीन धीमान के मुकाबिले चुनाव हार गई थीं। इस बार अनिता को टिकट तो नहीं मिला लेकिन राज्य सरकार में एक निगम में निदेशक मंडल में ओहदेदारी जरूर मिल गई। यही वजह थी कि इलाके में अनिता संदल का पिछले चार सालों में खूब दबदबा रहा।

डीएसपी देहरा मनमोहन सिंह ने कहा कि आरोपियों को कोर्ट से पांच दिन का पुलिस रिमांड मिला है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

Demo