ज्वालामुखी: धर्मशाला थाना में दलित समुदाय के एक मामले के निपटारे के लिए पहुंचे प्रदेश भाजपा अनुसूचित जनजाति प्रकोष्ठ के सचिव पीएन चटवाल और एएसआई बलबीर सिंह के मध्य हुई बहसबाजी ने राजनीतिक रंगत ले ली। पीएन चटवाल का आरोप था कि एएसआई बलबीर सिंह और धर्मशाला पुलिस थाना में तैनात स्टाफ ने उनको सड़कों के बीच से उठाकर थाना में ले जाकर निर्मम पिटाई की। भाजपा कार्यकर्ता की थाना में निर्मम पिटाई की सूचना ज्यों ही उद्योग मंत्री किशन कपूर को मिली
। सूचना मिलते ही किशन कपूर भाजपा के जिला उपाध्यक्ष वीरेंद्र परमार, सह-मीडिया प्रभारी विश्वचक्षु के साथ थाना पहुंचे। थाना पहुंचकर उद्योग मंत्री ने एएसपी उमापति जंबाल की मौजूदगी में ही एसएचओ सहित अन्य स्टाफ को लताड़ते हुए कहा कि क्षेत्र में हो रही चोरियों पर अंकुश लगाने में आप पूरी तरह विफल रहे हैं और निर्दोष लोगों को सड़कों से उठाकर थाना में लाकर पिटाई कर रहे हैं, यह सहन नहीं होगा। किशन कपूर ने एएसआई बलबीर और भाजपा नेता पीएन चटवाल से एसएचओ के कमरे के कपाट बंद कर पूछताछ कर मामले की निष्पक्ष जांच करने के आदेश जारी किए। दलित समुदाय का आरोप है कि जमीनी विवाद को लेकर पांच दिन पूर्व धर्मशाला थाना में दो परिवारों ने अलग-अलग शिकायतें दर्ज करवाई थी, लेकिन पुलिस एक ही परिवार की तरफदारी कर मामले की पैरवी कर रही थी, जिसके चलते दलित समुदाय के प्रतिनिधिमंडल ने महिलाओं सहित थाना में आकर एसएचओ के समक्ष न्याय की गुहार लगाई थी।
दलित समुदाय के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व पीएन चटवाल कर रहे थे। धर्मशाला पुलिस थाना का स्टाफ एक अन्य मामले के आरोपियों को धर्मशाला न्यायालय में पेश करने ले जा रहा था कि तभी चटवाल व एएसआई बलबीर के मध्य बहसबाजी हो गई। बहस इतनी बढ़ी की झगड़े में चटवाल सहित दो महिलाएं घायल हो गई। एएसपी उमापति जंबाल ने बताया कि एएसआई सहित चटवाल और अन्य लोगों के बयान कलमबद्ध किए जा रहे हैं। जांच के निष्कर्ष पर ही मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई की जाएगी।दलित समुदाय के 40-50 पुरुषों और महिलाओं ने आधे घंटे तक थाना के बाहर विरोध प्रदर्शन कर पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।