नई दिल्ली: भारत और अमरीका ने आज भारतीय ग्रीष्मकालीन मानसूनी वर्षा के पूर्वानुमान के अध्ययन के लिए तकनीकी सहयोग पर आधारित एक समझौता किया । इसके बल पर भारतीय ग्रीष्मकालीन मानसूनी वर्षा के पूर्वानुमान के लिए एक उपयोगी महासागरीय-वायुमंडलीय सामान्य प्रवाह प्रारूप उपलब्ध होगा । इस सहयोग के माध्यम से भारत के ऊपर महासागरीय-वायुमंडलीय मानसून प्रणाली के बारे में मौजूदा समझदारी बढ़ेगी जो भविष्य के अध्ययनों और प्रारूपों के विकास के लिए उपयोगी होगी ।
इस समझौते का मुख्य उद्देश्य भारतीय मानसून और उससे जुड़ी विशेषताओं के बारे में सशक्त मौसम पूर्वानुमान प्रारूपों के माध्म से पूरी जानकारी जुटाना है । भारत सरकार का पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय और अमरीकी डिपार्टमेंट का एनओएए इसके कार्यान्वयन के संदर्भ में शीर्ष एजेंसियां हैं ।