मंडी : प्रदेश सरकार विभिन्न विभागों के माध्यम से लोगों की आजीविका में सुधार लाने के लिए अनेकों योजनाएं संचालित कर रही है। राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत मंडी जिला के उपमंडल सुंदरनगर के शहरी क्षेत्र की महिलाएं नगर परिषद सुंदरनगर द्वारा बनाए गए विभिन्न स्वयं सहायता समूहों से जुड़कर सरकार की इन योजनाओं का लाभ उठा रही हैं।
राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत नगर परिषद सुंदरनगर में वर्ष 2016 से अब तक 108 स्वयं सहायता समूहों का गठन किया जा चुका है, जिन्हें सरकार द्वारा अब तक लगभग 3.50 करोड़ रुपए बांटे जा चुके हैं। 108 स्वयं सहायता समूहों में से 40 स्वयं सहायता समूहों की क्रेडिट लिंकेज करवाई जा चुकी है। स्वयं सहायता समूह की 110 लाभार्थियों को 2 लाख रुपए प्रति लाभार्थी को 7 प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण दिया जा चुका है। प्रधानमंत्री फूड प्रोसेसिंग योजना के तहत 52 महिलाओं को 40-40 हजार रुपए ऋण प्रदान किया गया है, ताकि महिलाएं अपना खाद्य व्यवसाय स्थापित कर सकें। 108 स्वयं सहायता समूहों को 10 हजार रुपए प्रति समूह रिवाल्विंग फंड प्रदान किया जा चुका है। साथ ही शहर में 7 एरिया लेवल फेडरेशन बनाए गए हैं। प्रत्येक एरिया लेवल फेडरेशन को 50 हजार रुपए रिवाल्विंग फंड दिया ज चुका है।
महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर
प्रदेश सरकार महिला सशक्तिकरण के लिए कई कार्यक्रम चला रही है और महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए हर प्रकार से सहयोग किया जा रहा है। स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए स्वयं सहायता समूह गठित कर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने तथा रोजगार से अपनी आर्थिक को मजबूत करने के लिए प्रोत्साहित व जागरूक किया जा रहा है। इन समूहों को बचत से आगे बढ़ने एवं विभिन्न प्रकार के छोटे उद्यम लगाने के लिए भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। इन समूहों से जुड़ी महिलाएं घर बैठे काम कर आर्थिकी को मजबूत करने में जुटी हैं।
क्या कहते हैं अधिकारी
नगर परिषद सुंदरनगर के कार्यकारी अधिकारी हितेश ने बताया कि राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत लगभग 108 स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया है जिनमें से 40 सहायता समूहों को क्रेडिट लिंकेज के तहत 5 लाख और 10 लाख का लोन प्रदान करवाया गया है। इसी मिशन के अंतर्गत लगभग 110 व्यक्तियों को स्वरोजगार के तहत अलग-अलग राशियों के ऋण प्रदान किए गए हैं जिसका ब्याज दर 7 प्रतिशत रहता है और अगर व्यक्ति समय पर लोन वापस करता है तो 3 प्रतिशत की छूट भी सरकार द्वारा दी जाती है। मिशन के तहत नगर परिषद ने जवाहर पार्क के साथ बनी लाइब्रेरी में कैंटीन भी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को संचालन के लिए दी है। इस कैंटीन में प्रतिदिन लाइब्रेरी के बच्चे, आसपास के सरकारी कार्यालयों के अधिकारी कर्मचारी अपना लंच करते हैं। इसके साथ कैंटीन में चाय और स्नैक्स की व्यवस्था भी की गई है। इससे न केवल लाइब्रेरी और आसपास के कार्यालय के स्टाफ को भोजन की सुविधा मिली है बल्कि स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को स्थायी आय के अवसर भी प्राप्त हुए हैं।
लाभार्थी महिला
बाहोट वार्ड नंबर 4 की लाभार्थी मंजू शर्मा ने बताया कि जैसे ही उन्हें पता चला कि नगर परिषद सुंदरनगर में स्वयं सहायता समूह बनाए जा रहे हैं तो उन्होंने 30 से 40 महिलाओं को इकट्ठा किया और एक समूह बना लिया। स्वयं सहायता समूह से जुड़ने के बाद उन्हें सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ मिला, जिसमें पहले 40 हजार रुपए और फिर 10 हजार रुपए की धनराशि प्राप्त हुई। समूह की अन्य महिलाएं भी सीरा, बड़ियां बनाने का कार्य कर रही हैं और समूह अच्छे तरीके से चल रहा है।
उन्होंने बताया कि जवाहर पार्क के साथ लगती लाइब्रेरी में कैंटीन की सुविधा भी उनके समूह द्वारा प्रदान की जा रही है। वर्तमान में कैंटीन से उनकी अच्छी आमदनी हो रही है जिससे आर्थिक स्थिति में भी सुधार हुआ है और परिवार का खर्चा भी अच्छे से चल रहा है। इसके लिए उन्होंने प्रदेश सरकार का दिल से धन्यवाद किया।
विद्यार्थियों ने कैंटीन सुविधा की सराहना की
जवाहर पार्क सुंदरनगर के साथ बनी स्वामी विवेकानंद लाइब्रेरी में पढ़ने वाले छात्र तोहेश वर्मा ने कहा कि वह यहां एक साल से पढ़ाई कर रहा है। लाइब्रेरी में पढ़ाई का अच्छा माहौल है। लाइब्रेरी के साथ कैंटीन की सुविधा भी है। इस सुविधा के लिए उन्होंने सरकार का धन्यवाद किया।