मंडी की कृतिका शर्मा के पाइनटेस्टिक स्टार्टअप को हिमालयन स्टार्टअप ट्रैक-2024 में दूसरा स्थान

मंडी : मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (इनोवेशन, डिजिटल टैक्नोलॉजी एवं गवर्नेंस) गोकुल बुटेल ने आज भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मंडी में आयोजित हिमालयन स्टार्टअप ट्रैक-2024 में बतौर मुख्य अतिथि भाग लिया। आईआईटी मंडी कैटालिस्ट की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में विभिन्न स्टार्टअप को बेहतर कार्यों के लिए पुरस्कृत किया गया।

बिल्ड फॉर हिमालयाज़ श्रेणी में शूलीनी शेफरन स्टार्टअप के गौरव सभ्रवाल को पहला तथा मंडी शहर की युवा कृतिका शर्मा के पाइनटेस्टिक स्टार्टअप को दूसरा स्थान तथा कैमेटिको ट्केनोलॉजी के विजय वैशम्पायन को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ। मुख्य अतिथि ने प्रत्येक विषयगत क्षेत्र से तीन शीर्ष स्टार्टअप को कार्यक्रम के दौरान कुल 11 लाख रुपये का अनुदान प्रदान किया।

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भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मंडी कैटालिस्ट ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार के सहयोग से इस वार्षिक फ्लैगशिप इवेंट हिमालयन स्टार्टअप ट्रेक (एचएसटी) 2024 कार्यक्रम का आयोजन 15-16 नवंबर 2024 तक किया गया। इसमें भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम के सभी हितधारकों को एक साथ लाया गया। कार्यक्रम में 200 से अधिक स्टार्टअप प्रतिनिधि, 50 मेंटर और 30 से अधिक निवेशक शामिल हुए।

इस अवसर पर गोकुल बुटेल ने कहा कि आईआईटी मंडी नवोन्मेषी युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए बेहतर कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि हिमालयन स्टार्टअप ट्रैक के इस इन्क्यूबेशन सेंटर के यह प्रयास युवाओं के सपनों को हकीकत में बदलने में मदद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस बार के आयोजन में हिमालयी पारिस्थितिकी व यहां के पर्यावरण को बचाने से संबंधित बेहतरीन विषय रखे गए हैं। आईआईटी जैसे सर्वोच्च संस्थान के यह प्रयास निःसंदेह हिमाचल एवं यहां के युवाओं के लिए लाभकारी एवं दूरगामी सिद्ध होंगे।

गोकुल बुटेल ने कहा कि आज के आयोजन में विभिन्न कंपनियों के निवेशक भी हिमाचल आए हैं। उन्होंने आह्वान किया कि ऐसे निवेशक हिमाचल में निवेश के लिए भी आगे आएं। उन्होंने कहा कि नवाचार के लिए हिमाचल से बेहतर और कोई जगह नहीं हो सकती और भविष्य में प्रदेश एक निवेश हब के रूप में विकसित होगा। इसके लिए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में वर्तमान प्रदेश सरकार अनेक प्रभावी कदम उठा रही है।

उन्होंने कहा कि हिमाचल के संदर्भ में इस तरह के आयोजन और भी महत्वपूर्ण हैं। अकसर देखा जाता है कि हिमाचली युवा प्रतिभाएं रोजगार की तलाश में देश के अन्य भागों व विदेशों की ओर रूख करती हैं। आईआईटी मंडी में कैटालिस्ट को प्रोत्साहन से युवाओं को प्रदेश में रहकर ही अपने नवीन विचारों से उद्यम स्थापित करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इसमें वर्तमान प्रदेश सरकार एक भागीदार के रूप में अपना पूर्ण सहयोग कर रही है और युवाओं को प्रोत्साहित करने के साथ ही बेहतरीन नवाचारों को वित्तीय मदद भी प्रदान की जा रही है।

नीति आयोग के अटल इनोवेशन मिशन के मिशन निदेशक प्रो. चिंतन वैष्णव ने मुख्य भाषण में भारत के विकास को आगे बढ़ाने में नवाचार की परिवर्तनकारी भूमिका पर अपनी अंतर्दृष्टि साझा की। उन्होंने राष्ट्र के लिए एक स्थायी और समृद्ध भविष्य के निर्माण में स्टार्टअप और उद्यमियों के महत्वपूर्ण योगदान को भी रेखांकित किया।

कार्यक्रम के व्यापक दृष्टिकोण पर प्रकाश डालते हुए, डीएसटी इंडिया के नवाचार और उद्यमिता पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ सलाहकार परिषद के अध्यक्ष और नीति आयोग के अटल नवाचार मिशन के पहले मिशन निदेशक रामनाथन रामनन ने कहा कि नवाचार भारत के सतत विकास और प्रगति की आधारशिला हैं। फंड प्रसार की आसानी का लाभ उठाकर, उद्यमशीलता को बढ़ावा देकर और नवाचार को लोकतांत्रिक बनाकर, हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि विकास के अवसर देश के हर कोने तक पहुँचें।

इस अवसर पर मानव कम्प्यूटर इंटरेक्शन क्षेत्र में इनोवेशन फोर्ज प्रा. लिमेटड के दीपक गर्ग को पहला, ओस्टेक्योर हेल्थकेयर के अनंत सिंह को दूसरे तथा लेंसकॉर्प एआई के एश्वर्य प्रताप सिंह को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ। पर्यावरण एवं सस्टेनेबिलिटी क्षेत्र में जेनटेन के अश्विन गांधी को पहला, होंक टेंक के सत्येन इंजीनियर को दूसरा तथा एप्रीशिएटिंग सॉल्यूशंज के अजीत वहाडने को तीसरा स्थान मिला। बॉयो नवाचार में मेदांत्रिक मेडटेक के प्रियरंजन तिवारी को पहला, केरनरोज बायोसोल के मधुसूदन एम.एस. को दूसरा तथा सिंक्यूबेटर के वत्सल हरी रमानी को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ। प्रथम स्थान को 1.10 लाख रुपए, दूसरे को 90 हजार रुपए तथा तीसरे स्थान के नवाचार को 75 हजार रुपए प्रदान किए गए।

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