मंडी में कुदरत का कहर: 4 लोगों की मौत, 16 लापता, 99 लोगों को किया गया रेस्क्यू

मंडी : हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में पिछले कुछ दिनों से हुई भारी बारिश ने कई क्षेत्रों में भारी तबाही मचाई। विभिन्न उपमंडलों में बादल फटने, जलभराव और भूस्खलन की घटनाएं सामने आई हैं, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। प्रशासन की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार इस आपदा में अब तक 4 लोगों की मौत हो चुकी है, 16 लोग लापता हैं जबकि 99 लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

सबसे पहले सदर मंडल की बात करें तो मंडी शहर के टारना, डाइट और पैलेस कॉलोनी इलाकों में जलभराव की गंभीर स्थिति बनी रही। इसके चलते 11 लोगों को बीएस सदन मंडी के राहत शिविर में स्थानांतरित किया गया। इसके अलावा कई लोग अपने रिश्तेदारों के यहां शरण लेने चले गए। डाइट में पढ़ रही 29 छात्राओं को सुरक्षित निकाल कर मंडी गुरुद्वारे में बनाए गए अस्थायी राहत शिविर में रखा गया है।

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गोहड़ उपमंडल में सियंज, बाड़ा, बासी और तलवाड़ा गांवों में बादल फटने से जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। दो घर पूरी तरह से बह गए, जिनमें 9 लोग बह गए। एक अन्य घर ढहने से 6 लोग फंसे थे, जिनमें से 4 को सुरक्षित निकाला गया और दो शव बरामद हुए। टिकरी प्रोजेक्ट से 20-25 लोगों को रेस्क्यू कर बाड़ा रेस्ट हाउस में अस्थायी शिविर में रखा गया है। एक ही परिवार के तीन लोग लापता हैं जबकि एक बच्ची सुरक्षित है। एनडीआरएफ की टीम कंडा तक पहुंच गई है लेकिन भूस्खलन के कारण घटनास्थल से 10 किलोमीटर पहले ही रुक गई है। एक अतिरिक्त एसडीआरएफ टीम राहत कार्यों में जुट गई है।

थुनाग उपमंडल में अभी भी कई इलाकों से संपर्क नहीं हो पाया है। कुट्टी गांव के पास नदी किनारे फंसे 7 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। वहीं, 4 लोग अभी भी लापता हैं जिनकी तलाश की जा रही है।

करसोग उपमंडल में पुराना बाज़ार क्षेत्र में एक व्यक्ति की मौत की पुष्टि हुई है। रिकी गांव से 7 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। इसके अलावा GDC करसोग कॉलेज से 12 छात्र और 4 महिलाओं को रेस्क्यू किया गया है। एनडीआरएफ की टीम करसोग से लगभग 6 किलोमीटर दूर तक पहुंच गई है और अब पैदल घटनास्थल की ओर बढ़ रही है। बीडीओ करसोग द्वारा टीम के लिए वाहन भेजा गया है।

धरमपुर उपमंडल के त्रियाम्बला क्षेत्र में भी बादल फटने की घटना से 2 मकान और 5 गौशालाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं। 26 मवेशियों की मौत हुई है, जिसमें 10 बकरियां, 15 खच्चर और 1 गाय शामिल है। भदराना (सेरथी) में भी 4 घर और 3 गौशालाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं।

बल्ह, पधर और कोटली उपमंडलों से किसी मानव जीवन की हानि की खबर नहीं है, लेकिन कुछ मकान और गौशालाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं। बलिचौकी में फ्लैश फ्लड के कारण नेशनल हाईवे की टनल नंबर 11 और 13 में यात्री फंसे हैं। प्रशासन ने मौके पर खाना और पानी पहुंचाया है। नहरी-कोटला में एक अज्ञात शव मिला है। साथ ही एक पुल की रिटेनिंग वॉल को भी नुकसान पहुंचा है।

जिले भर में अब तक 10 मकानों और 12 गौशालाओं को नुकसान पहुंचा है। मवेशियों की कुल हानि 26 बताई जा रही है। कुल मिलाकर 4 मौतें, 16 लोग लापता और 99 लोग सुरक्षित रेस्क्यू किए जा चुके हैं। प्रशासन, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें राहत और बचाव कार्यों में पूरी तत्परता से जुटी हैं। कई स्थानों पर रास्ते बंद हैं, जिससे रेस्क्यू कार्यों में समय लग रहा है, लेकिन हर संभव प्रयास जारी है।

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पंकज जयसवाल

पंकज जयसवाल, हिल्स पोस्ट मीडिया में न्यूज़ रिपोर्टर के तौर पर खबरों को कवर करते हैं। उन्हें पत्रकारिता में करीब 2 वर्षों का अनुभव है। इससे पहले वह समाज सेवी संगठनों से जुड़े रहे हैं और हजारों युवाओं को कंप्यूटर की शिक्षा देने के साथ साथ रोजगार दिलवाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है।