चंबा : इस बार मणिमहेश यात्रा सिर्फ आध्यात्मिक आस्था तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक मिसाल भी बनेगी। हिमाचल प्रदेश में पहली बार इस पवित्र यात्रा के दौरान डिजिटल डिपॉजिट रिफंड सिस्टम (DDRS) की शुरुआत की जा रही है। यह पहल पर्यावरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू की गई है।
यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को प्लास्टिक की बोतलें, बिस्कुट और मैगी जैसे उत्पाद विशेष QR कोड के साथ दिए जाएंगे। इन वस्तुओं को यात्रा पूरी करने के बाद निर्धारित कलेक्शन सेंटर पर लौटाने पर यात्रियों को तुरंत नकद राशि दी जाएगी। प्लास्टिक बोतल लौटाने पर ₹5, बिस्कुट या मैगी पैकेट पर ₹2 और सॉफ्ट ड्रिंक की केन लौटाने पर ₹10 तक का रिफंड मिलेगा।

इस योजना के अंतर्गत भरमौर उपमंडल को चार ज़ोन में विभाजित किया गया है, जहां कुल 10 कलेक्शन सेंटर स्थापित किए गए हैं। इसके अलावा हडसर से लेकर मणिमहेश तक के मार्ग में लगभग 350 दुकानों और 30 से अधिक लंगर प्वाइंट्स को इस अभियान में शामिल किया गया है, जो श्रद्धालुओं को कोडेड उत्पाद उपलब्ध करवाएंगे और वापसी पर उन्हें रिफंड करेंगे।
इस अभियान को सफल बनाने के लिए विभाग द्वारा 15 फील्ड एग्जीक्यूटिव और दो मैनेजर तैनात किए गए हैं। स्थानीय प्रशासन की टीमें भी पूरी तरह सक्रिय रहेंगी। निगरानी व्यवस्था को मजबूत करने के लिए हर ज़ोन में वन विभाग और पुलिस विभाग के पांच-पांच कर्मियों की फ्लाइंग स्क्वायड तैनात की गई है, जो अभियान की प्रभावशीलता सुनिश्चित करेंगे।
यह अनोखी पहल 1 से 31 अगस्त तक चलने वाली मणिमहेश यात्रा के दौरान लागू रहेगी। विभाग का मानना है कि यदि यह योजना सफल रही, तो इसे भविष्य में प्रदेश के अन्य धार्मिक और पर्यटन स्थलों पर भी लागू किया जा सकता है। इसका उद्देश्य न केवल यात्रा मार्ग को स्वच्छ बनाए रखना है, बल्कि लोगों में पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी की भावना भी विकसित करना है।