श्री रेणुका जी: मां और बेटे के पवित्र मिलन का प्रतीक, छह दिवसीय अंतरराष्ट्रीय श्री रेणुका जी मेला शुक्रवार को भक्तिमय माहौल में शुरू हो गया। उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने भगवान परशुराम की पालकी को कंधा देकर मेले का विधिवत शुभारंभ किया।
पहले इस मेले का शुभारंभ मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू को करना था, लेकिन उनके हेलीकॉप्टर में तकनीकी खराबी आने के कारण वह कार्यक्रम में नहीं पहुंच पाए।

इस वर्ष उच्च न्यायालय के आदेशों के अनुसार, सभी देव पालकियां ददाहू स्कूल के खेल मैदान में एकत्रित हुईं। यहीं पर मुख्य अतिथि ने भगवान परशुराम की पालकी को कंधा दिया, जिसके बाद पारंपरिक ढोल-नगाड़ों और जयकारों के साथ भव्य शोभायात्रा मंदिर परिसर तक पहुंची।
उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने इसे एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण मेला बताते हुए प्रदेशवासियों को बधाई दी।
यह मेला हर वर्ष कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष दशमी से पूर्णिमा तक मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान परशुराम वर्ष में एक बार अपनी मां रेणुका जी से मिलने आते हैं। 1 नवम्बर को एकादशी और 5 नवम्बर को कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर होने वाले पवित्र स्नान के लिए सुरक्षा के विशेष प्रबंध किए गए हैं।
 
					