मारकंडा नदी का कहर: बुजुर्ग गुज्जर की 15 भैंसें तेज बहाव में बहने की आशंका

नाहन :हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में शुक्रवार को एक दर्दनाक घटना सामने आई, जहां अचानक बढ़े नदी के जलस्तर ने एक पशुपालक की पूरी आजीविका छीन ली। नाहन उपमंडल के मोगीनंद क्षेत्र के समीप मारकंडा नदी में आई अचानक बाढ़ जैसी स्थिति में सलानी गांव निवासी सुंदर सिंह की करीब 15 भैंसें बह जाने की आशंका जताई जा रही है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, सुंदर सिंह हर रोज़ की तरह शुक्रवार दोपहर को अपनी भैंसों को चराने के लिए नदी किनारे ले गए थे। दोपहर तक नदी का जलस्तर सामान्य था, लेकिन लगभग शाम 4 बजे अचानक ऊपरी इलाकों में आई मूसलधार बारिश का पानी तेजी से नदी में उतर आया, जिससे नदी कुछ ही मिनटों में उफान पर आ गई।

मारकंडा नदी का कहर

स्थानीय निवासी राजन ने बताया कि सुंदर सिंह कई वर्षों से इन भैंसों के सहारे अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहे थे और यही उनका मुख्य आजीविका का साधन था। ग्रामीणों के अनुसार, एक भैंस की कीमत 1.5 से 2 लाख रुपये तक होती है, ऐसे में नुकसान 20 से 30 लाख रुपये तक का हो सकता है।

सुंदर सिंह ने भैंसों को बाहर निकालने का हर संभव प्रयास किया, लेकिन पानी का बहाव इतना तेज था कि वे उन्हें बचा नहीं सके। शाम 7 बजे तक भैंसों की तलाश कालाअंब तक की गई, लेकिन सफलता नहीं मिली। स्थानीय लोगों ने सुकेती पुल के पास एक भैंस को किनारे पर आते देखा, लेकिन वह भी तेज बहाव में पुल के पिलर से टकराकर बह गई।

घटना के बाद पड़ोसी राज्य हरियाणा के गांवों में भी सूचना भेजी गई है, ताकि कोई भैंस किनारे लगती है तो उसकी पहचान कर वापस लाया जा सके। इधर, एसडीएम नाहन राजीव सांख्यान ने बताया कि पटवारी को मौके की रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दे दिए गए हैं। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि सभी भैंसें डूब गई हैं या कुछ किनारे लगने में सफल हुई हैं।

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पंकज जयसवाल

पंकज जयसवाल, हिल्स पोस्ट मीडिया में न्यूज़ रिपोर्टर के तौर पर खबरों को कवर करते हैं। उन्हें पत्रकारिता में करीब 2 वर्षों का अनुभव है। इससे पहले वह समाज सेवी संगठनों से जुड़े रहे हैं और हजारों युवाओं को कंप्यूटर की शिक्षा देने के साथ साथ रोजगार दिलवाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है।