नई दिल्ली: प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह ने आम बजट के बाद दूरदर्शन पर एक साक्षात्कार में अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह बजट आगामी वित्त वर्ष में हमारी अर्थव्यवस्था और राज्य व्यवस्था के सामने की सभी चुनौतियों का सामना कर सकता है। उन्होंने कहा कि हमें विकास की उच्च दर बनाए रखने की आवश्यकता है और इसलिए यह बजट चालू वित्त वर्ष की 8.6 प्रतिशत वृद्धि दर के अच्छे निष्पादन पर आधारित है और प्रस्तावित 9 प्रतिशत वृद्धि दर प्राप्त की जा सकेगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए खासकर आधारभूत ढांचे, सामाजिक क्षेत्र, तथा कृषि विकास के क्षेत्रों में पर्याप्त प्रावधान किए गए हैं। डॉक्टर मनमोहन सिंह ने कहा कि मुद्रास्फीति पर नियंत्रण करना आवश्यक है, जिसके लिए यह जरूरी है कि वित्तीय सुदृढ़ीकरण का रास्ता अपनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री ने वित्तीय घाटा और राजस्व घाटा कम करने की योजना बनाकर सराहनीय कार्य किया है। और इसलिए सामाजिक क्षेत्र पर खर्चे और कृषि क्षेत्र में पूंजी निवेश के प्रोत्साहन और कर रियायतों के जरिए उन्होंने जो किया है, मैं समझता हूं ये ऐसा बजट है जो हमारी अर्थव्यवस्था के सामने की चुनौतियों का मुकाबला कर सकता है।
आयकर दरों में निचले स्तरों पर और खासकर वरिष्ठ नागरिकों के लिए कुछ तालमेल के बारे में वित्त मंत्री की घोषणा और महिलाओं के बारे में सदन में शोर-शराबे के बारे में पूछे गए प्रश्न पर प्रधानमंत्री ने कहा कि कोई भी आदमी सभी को खुश नहीं कर सकता और वित्त मंत्री ने अपना कार्य यथासंभव अच्छा किया है। कर सीमा में छूट एक लाख 60 हजार रूपए से बढ़ाकर एक लाख 80 हजार रूपए करने का लाभ सभी पुरूषों और महिलाओं को प्राप्त होगा और वरिष्ठ नागरिकों के लिए उन्होंने इसे और भी बढ़कर किया है।
बजट में निवेशकों के बारे में कुछ न किए जाने के प्रश्न पर प्रधानमंत्री ने कहा कि वित्त मंत्री ने विदेशी प्रत्यक्ष निवेश और विदेशी पोर्टफोलियों निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए बहुत कुछ किया है। उन्होंने अधिभार को साढ़े सात प्रतिशत से घटाकर पाँच प्रतिशत कर दिया है। प्रधान मंत्रि के अनुसार ऐसे संकेत हैं कि यह एक ऐसी सरकार है जो सुधारोंन्मुख है। वित्त मंत्री ने वचन दिया है कि वे बीमा और पेंशन कोश के बारे में विधेयक लाएंगे। कुल मिलाकर यदि ये आश्वासन संसद में अधिनियमों का रूप लेते हैं तो वे पूंजी बाजार तथा कारपोरेट भावनाओं को प्रोत्साहित करेंगे।