राज्यपाल ने रेडक्रॉस स्वयंसेवियों से महामारी में एकजुट होने का किया आह्वान

शिमला ,08  मई : राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, जो हिमाचल प्रदेश राज्य रेडक्राॅस सोसाइटी के अध्यक्ष भी है, उन्होंने कहा कि राज्य रेडक्राॅस और इसकी सभी शाखाओं के अलावा सभी संबंधित स्वयंसेवियों को कोरोना महामारी के दौरान अधिक सर्तक रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यह समय समन्वय स्थापित कर कार्य करने का है। यह महत्त्वपूर्ण है कि रेडक्राॅस प्रशासन, गैर सरकारी संस्थाओं और विभिन्न सामाजिक सेवा संगठनों के साथ समन्वय स्थापित कर कार्य करें ताकि कोविड-19 से पीड़ित लोगों की अधिक से अधिक सहायता की जा सके।
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राज्यपाल ने आज राजभवन में विश्व रेडक्रॉस के अवसर पर प्रदेश रेडक्रॉस द्वारा कोविड-19 मरीजों के लिए वितरित की जाने वाली स्वच्छता किट और अन्य सामग्री वाली रेडक्रॉस वेन को भी झंडी दिखाकर रवाना किया। राज्य रेडक्रॉस अस्पताल कल्याण शाखा की अध्यक्षा डाॅ. साधना ठाकुर भी इस अवसर पर उपस्थित थी।

विश्व रेडक्रॉस दिवस हर वर्ष 8 मई को रेडक्रॉस के संस्थापक जीन हेनरी ड्यूनैंट की जयंती के उपलक्ष्य पर मनाया जाता है। इस अवसर पर राज्यपाल और डॉ. साधना ठाकुर ने रेडक्रॉस कोष के लिए अंशदान भी किया। राज्यपाल ने कहा कि सुरक्षा और सहायता की आवश्यकता महसूस करने वाले सभी लोगों के प्रति सार्वभौमिक समन्वय की भावना महत्त्वपूर्ण है ताकि मानव पीड़ा को कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि यह दिन हमें संकट में फंसे लोगों की करूणा और दया भाव से मदद करने की हमारी जिम्मेदारी की याद दिलाता है। उन्होंने महामारी के दौरान राज्य रेड क्राॅस सोसाइटी द्वारा लोगों की सहायता करने के प्रयासों की सराहना की और खुशी व्यक्त की, कि जिला स्तर पर रेडक्राॅस की समितियों द्वारा इस दिशा में अच्छा कार्य किया जा रहा है।

विश्व रेडक्रॉस दिवस पर शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा कि इस वर्ष रेडक्रॉस का थीम है ‘यस टुगेदर वी.आर अनस्टोपेबल’। उन्होंने रेडक्रॉस की सभी जिला शाखाओं के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि बिलासपुर में बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों पर विशेष ध्यान देना, चम्बा में आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अंतर्गत आइएजी की शुरुआत और हमीरपुर रेडक्रॉस शाखा में ऐप आधारित सुविधा जैसी कई पहल की गई है। इसी प्रकार राज्यपाल ने कोविड मरीजों की सुविधा के लिए मोबाइल वेन की सुविधा प्रदान करने के लिए कांगड़ा शाखा और कुल्लू कार्यालय द्वारा सभी स्वयं सहायता समूहों को एक मंच पर लाने की भी सराहना की। 

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उन्होंने किन्नौर जिला द्वारा सामुदायिक सहयोग से क्षमता वृद्धि करना और मंडी जिला द्वारा पंचायत स्तर पर एसईआरबी सेवकों के माध्यम से समूहों का गठन करने की सराहना की। उन्होंने कहा कि शिमला जिला में लोगों के लिए विभिन्न प्रकार की सहायता सेवाएं चलाई जा रही हैं, सिरमौर जिला में रीति-रिवाज द्वारा अंतिम संस्कार और ऊना जिला में स्वास्थ्य नियंत्रण कक्ष स्थापित करना अन्यों के लिए बेहतर उदाहरण है जो अति प्रशंसनीय है।

राज्यपाल ने कहा कि हम एक दूसरे से सीख ले सकते हैं और अपने प्रयासों में वृद्धि कर सकते हैं। हमें अपने प्रयासों को जारी रखना चाहिए और कोरोना के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए स्वैच्छिक सहयोग को बढ़ाना चाहिए। कोरोना के मरीजों के लिए और अधिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों और  ऑक्सीजन युक्त बिस्तरों और समर्पित टीमों की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि इस महामारी के दौरान स्वास्थ्य प्रणाली को सुदृढ़ करने के लिए हमें अधिकतम सेवानिवृत स्वास्थ्य कर्मियों और पूर्व सैनिकों की सेवाएं लेनी चाहिए। इस कार्य में शिक्षकों और विद्यार्थियों की भी सेवाएं ली जा सकती  है। 

राज्यपाल ने कहा कि यह एक आपातकालीन स्थिति है और हमें जीवन के साथ-साथ आजीविका को भी बचाना है।

इस अवसर पर रेडक्रॉस की अध्यक्षा ने कहा कि महामारी के इस कठिन दौर में रेडक्रॉस महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, जिसके लिए राज्य स्तर पर ठोस प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने महामारी से निपटने के लिए पहले से ही तैयारी करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि रेडक्रॉस के माध्यम से डॉक्टरों और विशेषज्ञों का एक पैनल तैयार किया जा रहा है, जो कोरोना मरीजों और अन्य लोगों को परामर्श सेवाएं प्रदान करेगा।

 उन्होंने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं को शामिल कर ग्रामीण स्तर पर अधिक कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने ’एक्शन ग्रुप’ के माध्यम से स्वयंसेवी सेवाओं के लिए मंडी जिला रेडक्राॅस की पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि रेडक्राॅस के स्वयंसेवी हर स्तर पर सक्रिय रूप से कार्य कर रहे  है और भविष्य में अधिक प्रभावी ढंग से कार्य करने के प्रयास किए जाएंगे, ताकि कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में सफलता हासिल की जा सके।

राज्यपाल के सचिव और राज्य रेडक्रॉस के महासचिव राकेश कंवर और राज्य रेडक्रॉस के सचिव पी.एस. राणा भी इस अवसर पर उपस्थित थे।