धर्मशाला : मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि गत तीन वर्षों के दौरान राज्य पुलिस बल में 4361 पुलिस जवान भर्ती किए गए हैं और इस वित्त वर्ष के दौरान 2369 पुलिस जवानों को पदोन्नतियां दी गई हैं, जिनमें 51 राजपत्रित अधिकारी, 243 उप निरीक्षक, 329 सहायक उप-निरीक्षक, 562 मुख्य आरक्षी तथा 1184 आरक्षी शामिल हैं। मुख्य मंत्री ने यह जानकारी आज कांगड़ा जिले के पुलिस प्रशिक्षण कालेज डरोह में 628 नए रंगरूटों की 12वीं पासिंग आउट परेड के अवसर पर अध्यक्षीय भाषण में दी।
नए रंगरूटों में 176 महिला आरक्षी भी शामिल हैं, जिन्हें छठी भारतीय रिजर्व बटालियन में शामिल किया जाएगा। उन्होंने परेड के जवानों का निरीक्षण किया और पुलिस बल में औपचारिक तौर पर शामिल होने के लिए ली गई शपथ के पश्चात मुख्य मंत्री ने आकर्षक पासिंग आउट परेड की सलामी ली। परेड का नेतृत्व कांस्टेबल अंकुश कुमार ने किया।
प्रो. धूमल ने कहा कि प्रदेश सरकार ने 3952 पुलिस आरक्षी और 109 पुलिस उप निरीक्षकों की भर्ती की है तथा 300 और आरक्षियों की भर्ती की प्रक्रिया प्रगति पर है। इससे उन शिक्षित बेरोजगार युवाओं को रोज़गार के अवसर मिले हैं, जो पुलिस में रहकर राष्ट्र की सेवा करने के लिए तत्पर हैं। प्रदेश सरकार ने राज्य पुलिस के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित बनाने के लिए उन्हें हर संभव सुविधाएं प्रदान करने को प्राथमिकता प्रदान की है, जिसके लिए उन्हें बेहतर माहौल एवं आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई हैं। 176 नई महिला कांस्टेबलों की नियुक्ति से महिला पुलिस बल की क्षमता बढ़कर 601 हो गई है। प्रदेश सरकार ने बिलासपुर जिले के नैणा देवी के निकट बस्सी में महिला बटालियन स्थापित की है। राज्य पुलिस ने गत तीन वर्षों के दौरान 300 रिक्त पदों को भरने के लिए निर्देश जारी किए है। पुलिस प्रशिक्षण केन्द्र डरोह में आज आयोजित पासिंग आउट परेड में 176 महिला आरक्षियों के शामिल होने से छठी भारतीय रिजर्व बटालियन की क्षमता 1300 हो गई है। गत तीन वर्षों में प्रदेश सरकार राज्य के लिए 3 आईआरबी स्वीकृत करवाने में सफल रही है।
मुख्य मंत्री ने कहा कि राज्य में प्रभावित व्यक्तियों को निर्धारित समय में आवश्यक सेवाएं सुनिश्चित बनाने के लिए नागरिक प्रपत्र अपनाया गया है। उन्होंने कहा कि गलत तरीकों से अर्जित की गई सम्पत्ति को जब्त करने के लिए विशेष अदालतें स्थापित की जाएंगी तथा न्यायालय की स्वीकृति के पश्चात ही इस सम्पत्ति को जारी किया जाएगा अन्यथा यह राज्य की सम्पत्ति होगी जिसे सार्वजनिक सेवा के उपयोग में लाया जाएगा। प्रदेश सरकार ने पंजीयकों/उप पंजीयकों को जनरल पावर ऑफ एटार्नी के आधार पर किसी भी सम्पत्ति का पंजीकरण न करने के माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय को कार्यान्वित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि खरीददार एवं बिक्रेता पंजीकरण के समय उपस्थित रहना होगा।
प्रो. धूमल ने कहा कि प्रदेश सरकार ने इस वित्त वर्ष के दौरान पुलिस बल को आवास सुविधाएं सृजित करने पर 17.35 करोड़ रुपये उपलब्ध करवाए हैं। इस राशि से 241 आवासों का निर्माण किया जाएगा, जिनमें पुलिस प्रशिक्षण कालेज डरोह में 100 पुलिस जवानों के लिए आवास सुविधा भी शामिल है, जिस पर 76 लाख रुपये व्यय किए जा रहे हैं। गत तीन वर्षों के दौरान राज्य पुलिस के आधुनिकीकरण पर 35.20 करोड़ रुपये व्यय किए गए, जिनमें इस वित्त वर्ष में खर्च किए गए 6.20 करोड़ रुपये भी शामिल हैं। आधुनिकीकरण से पुलिस के जवानों को आधुनिक हथियार इत्यादि उपलब्ध करवाए गए हैं, ताकि वे असामाजिक तत्वों एवं राष्ट्रों विरोधी ताकतों पूरी क्षमता के साथ से लड़ सकें। उन्होंने कहा कि पी.टी.सी. डरोह में साईबर क्राईम प्रयोगशाला स्थापित की जाएगी। राज्य पुलिस बल को देश का आधुनिक, दक्ष एवं व्यवसायिक, पुलिस बल बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कालेज में प्रशिक्षण अनुदेशकों को उनके वेतनमान का 15 प्रतिशत प्रशिक्षण भत्ते के तौर पर दिया जा रहा है। विभिन्न पुलिस कल्याण व खेल गतिविधियों के लिए 25 लाख रुपये उपलब्ध करवाए गए हैं। उन्होंने इस वित्त वर्ष मैचिंग ग्रांट के रूप में 15 लाख रुपये देने की घोषणा की। मुख्य मंत्री ने प्रशिक्षण स्टाफ को अतिरिक्त वर्दी की भी घोषण की और पीटीसी डरोह में फर्नीचर के लिए 5 लाख देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि कालेजर परिसर में आधुनिक पुस्तकालय स्थापित करने के लिए प्रदेश सरकार हर संभव सहायता देगी।
प्रो. धूमल ने कहा कि पुलिस सहित ग्राम स्तर के क्षेत्रीय कर्मी प्रदेश सरकार का चेहरा हैं, जिन्हें अपनी जिम्मेवारी को विनम्रता एवं समर्पण से निभाने की आवश्यकता है। हिमाचल प्रदेश को विश्व में पर्यटक राज्य के रूप में जाना जाता है। पर्यटकों को सुरक्षित एवं परेशानी रहित वातावरण प्रदान करना आवश्यक है, जिससे वे राज्य की बेहतर कानून व्यवस्था की श्रेष्ठ छवि को साथ ले जा सकें। उन्होंने पुलिस प्रशिक्षण कालेज डरोह के नए रंगरूटों को बधाई दी और उनसे जिम्मेवार पुलिस कर्मी के तौर पर राष्ट्र की सेवा के लिए पूरी तरह समर्पित होने का आग्रह किया।
मुख्य मंत्री ने प्रशिक्षण अवधि के दौरान अनुकरणीय प्रतिभा का प्रदर्शन करने वाले उत्कृष्ट रंगरूटों को सम्मानित भी किया।
पुलिस महानिदेशक डा. दिलजीत सिंह मन्हास ने नए भर्ती हुए जवानों का आह्वान किया कि वे पासिंग आउट परेड में ली गई शपथ पर खरा उतरंे। उन्होंने परामर्श दिया कि पुलिस की प्रभावी सेवाएं सुनिश्चित बनाने के लिए वे लोगों से मित्रवत् व्यवहार करें। उन्होंने कहा कि कानून सबसे ऊपर है और इसे पूर्ण रूप से अपनाए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने परामर्श दिया कि वे महिलाओं, बच्चों, गरीब एवं प्रभावित व्यक्तियों की सहायता के लिए आगे आएं और अपनी शक्ति का उपयोग पूर्ण एहतियात के साथ सुनिश्चित बनाएं। उन्होंने दैनिक रूप से प्रत्येक जवान को आत्म निरीक्षण करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का एक मात्र लक्ष्य राज्य पुलिस को आदर्श पुलिस बनाना है।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्री सोमेश गोयल ने मुख्य मंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि पुलिस बल के आधुनिकीकरण की प्रक्रिया प्रगति पर है और प्रत्येक वर्ष पुलिस बल के 20 प्रतिशत जवानों को प्रशिक्षण सुनिश्चित बनाया जा रहा है। पुलिस प्रशिक्षण कालेज में 3100 पुलिस जवानों को अभी तक प्रशिक्षण प्रदान किया गया है तथा कालेज में प्रशिक्षण की आधुनिकी सुविधाएं सृजित की जा रही हैं, जिससे पुलिस बल को अपराध की जांच के लिए समुचित प्रशिक्षण उपलब्ध करवाया जा सके।
पुलिस प्रशिक्षण कालेज डरोह के पुलिस अधीक्षक श्री संजीव गांधी ने इस अवसर पर वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण की आधुनिक सुविधाएं सुनिश्चित बनाई जा रही हैं। उन्होंने भर्ती जवानों के सामान्य ज्ञान को बढ़ाने के लिए यहां पुस्तकालय आरम्भ करने का आग्रह किया।
पुलिस जवानों ने इस अवसर पर अपनी दक्षता का भव्य प्रदर्शन किया।
सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य मंत्री श्री रविन्द्र रवि, उद्योग मंत्री श्री किशन कपूर, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री श्री रमेश ध्वाला, विधायक सर्वश्री विपिन परमार, प्रवीण शर्मा, राकेश पठानिया एवं जे.एस. बाली, वूलफैड के अध्यक्ष श्री त्रिलोक कपूर, केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति डा. फुरकान कमर, पुलिस महानिदेशक (कारागार) श्री आई.डी. भंडारी, उपायुक्त श्री आर.सी. गुप्ता, पुलिस अधीक्षक श्री दिलजीत ठाकुर, सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग के इंजीनियरिंग इन चीफ श्री आर.के. शर्मा, मुख्य अभियन्ता आईपीएच श्री एम.एस. कंवर, हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड के सचिव डा. एम.पी. सूद, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, अन्य गणमान्य व्यक्ति एवं विभिन्न विभागों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।