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राष्ट्रमंडल खेलों में बिखरेगी हिमाचल के फूलों महक, सिरमौर का विशेष योगदान

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नाहन: 19वें राष्ट्रमंडल खेलों में जहां सिरमौर जिला के फूलों की महक फेलेगी, वहीं अंर्तराष्ट्रीय शूटर समरेश जंग चौधरी से जिला को पदक की उम्मीद रहेगी। मूलतः सिरमौर जिला के रहने वाले समरेश जंग चौधरी पहले ही कह चुके है कि 18वें राष्ट्रमंडल खेलों की सफलता का इतिहास दोहराना संभव नहीं है क्योंकि इस बार वह केवल एक ही स्पर्धा में हिस्सा ले रहे है। 18वें राष्ट्रमंडल खेलों में समरेश जंग ने देश के लिए कुल 6 पदक हासिल किए थे। उधर भारतीय महिला हाकी टीम की कप्तान रह चुकी व नाहन की बेटी सीता गोसाई भी इस बार के राष्ट्रमंडल खेलों में अहम भूमिका निभा रही है साथ ही इन खेलों के लिए भारतीय महिला व पुरूष टीम की चयनकर्ता की भूमिका भी सीता गोसाई निभा रही है। सीता गोसाई को राष्ट्रमंडल खेलो में भारतीय महिला हाकी टीम से काफी उम्मीदें हैं। उधर सिरमौर जिला से निशानेबाज राजेश परमार एक अक्तूबर को राष्ट्रमंडल खेलों में निशानेबाजी की स्पर्धाओं के बतौर तकनीकी अधिकारी के रूप में हिस्सा लेने के लिए देश की राजधानी के लिए रवाना होंगे। मूलतः नाहन के रहने वाले राजेश परमार इस दायित्व को निभाने के लिए बेहद उत्साहित है। वहीं कॉमनवेल्थ गेम्स के स्वागत समारोह में इस बार सिरमौर जिला का गुलाब महकेगा। एक तरफ जहां कॉमनवेल्थ गेम्स को देखते हुए यहां के पुष्प उत्पादकों में काफी उत्साह है।

सब्जियों के अच्छे दाम मिलने के बाद फूल उत्पादकों को फूलों के भी अच्छे दाम मिलने की उम्मीद है। जानकारी के मुताबिक दिल्ली व केंद्र सरकारों द्वारा प्रदेश सरकार से फूलों के लिए संपर्क साधने की सूचना मिली है जिसके बाद प्रदेश का बागबानी विभाग भी हरकत में आ गया है और उन्होंने फूल उत्पादकों से संपर्क साधना आरंभ कर दिया है। हालांकि कॉमनवेल्थ आयोजन समिति द्वारा प्रदेश के पुष्प उत्पादकों को फूलों की आपूर्ति की खुली छूट दी है, परंतु प्रदेश से कॉमनवेल्थ गांव को महकाने के लिए प्रदेश से जाने वाले कुल फूलों का करीब साठ प्रतिशत फूल जिला सिरमौर से जाएगा। जिसके लिए मोगीनंद व राजगढ क्षेत्र के पुष्प उत्पादक इसकी तैयारियों में भी जुट गए है। एक अनुमान लगाया जा रहा है कि कॉमनवेल्थ के लिए करीब अस्सी लाख से अधिक कीमत के फूलों की आपूर्ति की जानी है। जानकारी के अनुसार पहले बागबानों को फूल की प्रति स्टीक का दाम 5 से 7 रूपए मिलता था और इस बार तीन-चार गुणा अधिक दाम मिलने की आशा है। एक से दो अक्तूबर को फूलों की खेप दिल्ली पहुंचेगी।