रेणुका जी क्षेत्र के विवेक भारद्वाज को मिलेगा शिक्षक पुरस्कार, पढ़ें प्रेरणादायक कहानी

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By Hills Post

श्री रेणुका जी, सिरमौर: शिक्षा के प्रति समर्पण और जुनून की एक अनूठी मिसाल पेश करने वाले सिरमौर जिले के शिक्षक विवेक भारद्वाज को इस वर्ष प्रतिष्ठित राज्य शिक्षक पुरस्कार के लिए चुना गया है। वर्तमान में श्री रेणुका जी क्षेत्र के मानल-दोची प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत विवेक भारद्वाज की यह उपलब्धि उन हजारों शिक्षकों के लिए प्रेरणा है जो दूर-दराज और दुर्गम क्षेत्रों में ज्ञान का प्रकाश फैला रहे हैं। उनके चयन से पूरे गिरिपार क्षेत्र में हर्ष का माहौल है।

रोजाना 20 किलोमीटर का पैदल सफर, 12 साल दुर्गम क्षेत्र में सेवा

मूल रूप से गिरिपार के ऊंचा टिक्कर गांव के रहने वाले विवेक भारद्वाज की कहानी असाधारण है। उनकी पहली नियुक्ति सिरमौर के सबसे दुर्गम गांवों में से एक, कैल में हुई थी। उन्होंने बिना किसी शिकायत के 12 वर्षों तक इस सुदूर गांव में अपनी सेवाएं दीं। इस दौरान, वह प्रतिदिन 16 से 20 किलोमीटर का लंबा और कठिन रास्ता पैदल तय करके स्कूल पहुंचते थे। ऐसे स्थान पर, जहां शिक्षक कुछ दिन भी बिताना पसंद नहीं करते, विवेक ने मूलभूत सुविधाओं के अभाव के बावजूद एक दशक से अधिक समय तक बच्चों के भविष्य को संवारा।

विरासत में मिली है शिक्षण की कला

विवेक भारद्वाज को शिक्षण का जज्बा विरासत में मिला है। उनके पिता, स्वर्गीय श्री दीप राम भारद्वाज, भी एक सम्मानित शिक्षक थे और उनकी माता, श्रीमती कांता भारद्वाज, ने भी एक शिक्षिका के रूप में दुर्गम क्षेत्रों में सेवाएं देने के बाद सेवानिवृत्ति प्राप्त की। अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव से पूरी करने के बाद विवेक ने जवाहर नवोदय विद्यालय, नाहन से अपनी पढ़ाई पूरी की।

शिक्षक के साथ-साथ एक कवि और विचारक

विवेक भारद्वाज केवल एक शिक्षक ही नहीं, बल्कि एक संवेदनशील विचारक और कवि भी हैं। उन्होंने अपने कठिन परिश्रम से यह सिद्ध कर दिया है कि “शिक्षक ही राष्ट्र का निर्माता होता है।”

5 सितंबर को शिमला में होंगे सम्मानित

शिक्षक दिवस के अवसर पर 5 सितंबर को शिमला के ऐतिहासिक राज्य अतिथि गृह पीटरहॉफ में आयोजित होने वाले राज्य स्तरीय समारोह में विवेक भारद्वाज को यह पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। उन्हें हिमाचल प्रदेश के माननीय राज्यपाल, मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री द्वारा सम्मानित किया जाएगा। गौरतलब है कि इस वर्ष सरकार ने सामान्य, विशेष और कठोर जनजातीय पुरस्कारों की तीन नई श्रेणियों में शिक्षकों का चयन किया है, जिसका निर्णय हाल ही में हुई प्रस्तुतियों और साक्षात्कारों के आधार पर लिया गया।

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