रेशम उत्पादन को युवा स्वरोजगार के रूप में अपनायें: ध्वाला

धर्मशाला : रेशम उत्पादन में स्वरोजगार की अपार सम्भावनायें हैं तथा बेरोजगार युवाओं को सरकारी नौकरी की तलाश की बजाए सरकार द्वारा स्वरोजगार हेतू अनेक कार्यक्रम चलाये गये हैं जिसमें से रेशम उत्पादन एक है जिसके लिए सरकार द्वारा तकनीकी प्रशिक्षण के साथ-साथ उदारता से वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।

यह विचार खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री श्री रमेश ध्वाला ने आज ज्वालामुखी निर्वाचन क्षेत्र के गांव मूहल में कार्यरत रेश्म केन्द्र द्वारा आयोजित शहतूत विकास निधि वितरण समारोह के उपलक्ष्य पर उपस्थित जनसमूह को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किये।

श्री ध्वाला ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा रेश्म उत्पादन को बढ़ावा देने पर सरकार द्वारा किसानों को प्रोत्साहन राशि प्रदान की जा रही है तथा 300 शहतूत के पौधों का उत्पादन करने वाले किसान को प्रोत्साहन के रूप में प्रथम वर्ष में 11 हजार रूपये, दूसरे वर्ष 4618 रूपये और तीसरे वर्ष में पौधों के संरक्षण एव रख रखाव के लिए 4796 रूपये की राशि प्रदान की जाती है।

खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री ने कहा कि कृषि, बागवानी, पशुपालन इत्यादि के लिए सरकार द्वारा बजट में विशेष प्रावधान किया गया है ताकि किसान कृषि व बागवानी को अपना व्यवसाय अपनाकर अपनी आर्थिकी सुदृढ़ कर सके। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री प्रो0 प्रेम कुमार धूमल द्वारा बीपीएल परिवारों को बांस के पॉलीहाऊस निर्मित करने के लिए 90 प्रतिशत अनुदान का आगामी बजट में प्रावधान किया गया है ताकि गरीब आदमी भी पॉलीहाऊस स्थापित कर अपना आजीविका का साधन बना सकें। इसके अतिरिक्त उन्होंने 300 करोड़ रूपये की दूध गंगा परियोजना के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी।

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