रेशम कीट पालन बना मूहल के लोगों के लिए स्वरोजगार का साधन

ज्वालामुखी (बिजेन्दर शर्मा) । कुछ कर दिखाने का जज्बा हो तो मुश्किल राहें भी आसान हो जाती हैं, गरीबी में जीवन-यापन कर रही मूहल की हुनरमंद महिला विमला देवी के प्रयास और जज्बा अब रंग दिखाने लगा है।

विमला देवी ने रेशम कीट पालन व्यवसाय शुरू कर अपने परिवार को आर्थिक तंगी से निजात दिला दी है। विमला देवी को सरकार की तरफ से रेशम कीट पालन व्यवसाय शुरू करने के लिये दस हजार रूपये की सब्सिडी भी दी गई है, सरकार के उपदान का सही उपयोग करते हुए विमला देवी काकून की एक फसल का दस हजार रूपये से ज्यादा आमदनी कमा रही है। विमला देवी के इन प्रयासों को देखकर देहरा उपमण्डल की अन्य महिलाएं भी रेशम कीट पालन के व्यवसाय से जुडऩे में खासी दिलचस्पी दिखा रही है।

सरकार द्वारा रेशम कीट पालन को बढ़ावा देने के लिये उत्पे्ररित विकास योजना शुरू की है। इस योजना के तहत रेशम कीट पालन व्यवसाय से जुडऩे वाले किसानों और महिलाओं को पच्चास फीसदी सब्सिडी प्रदान की जा रही है। ज्वालामुखी में मूहल, खबली, पाइसा, ठाकुरद्वारा, खुंडियां में 117 महिलाओं और किसानों को उत्पे्ररित विकास योजना के तहत सब्सिडी दी गई है।

इन किसानों ने इस सीजन में साढ़े चार क्विंटल काकून का उत्पादन किया है। किसानों को करीब चार लाख रूपये की आमदनी हुई है। जिसमें ज्वालामुखी के सुराणी के प्रकाश चन्द ने 5200 रूपये, आशा देवी ने 6970 रूपये, कथोग की जुमुला देवी ने 5827 रूपये हरड़ी के सुरेश कुमार 5766 रूपये, करियाडा के देशा सिंह ने 6954, क्योडियां के देश राज ने 6000, मूहल की स्वर्णा देवी ने 5479 रूपये, मूहल के मोहन लाल ने 7007 रूपये का मुनाफाा एक सीजन में कमाया है।

ज्वालामुखी के मूहल की विमला देवी ने बताया कि उसका परिवार आर्थिक संकट से जूझ रहा था, उस के पति बतौर चालक अपने परिवार की रोजी-रोटी चला रहा था, पगार भी उतनी ज्यादा नहीं थी कि अन्य खर्चे चल सकें। विमला देवी ने बताया कि उसे रेशम कीट पालन व्यवसाय के बारे में जानकारी मिली और उसने सरकार द्वारा चलाई जा रही उत्पे्ररित विकास योजना के तहत दस हजार की सब्सिडी ली। उसने बताया कि अब वह काकून उत्पादन से एक सीजन में दस हजार के करीब आय अर्जित कर रही है, इससे परिवार की रोजी-रोटअी चलाने में काफी मदद मिल रही है, उधन मूहल की ही रामप्यारी का कहना है कि रेशम कीट पालन के लिये सरकार से मिल रही मदद के कारण ही वह स्वरोजग़ार शुरू करने में कामयाब हुई है।

उपायुक्त कांगड़ा श्री आर$एस$ गुप्ता का कहना है कि सरकार द्वारा स्वरोजग़ार शुरू करने के लिये चलाई जा रही योजनाओं को पात्र लोगों तक पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि रेशम कीट उत्पादन के लिये उत्प्रेरित विकास योजना शुरू की गई है, जिसके तहत किसानों को सब्सिडी प्रदान की जा रही है। इसके साथ ही काकून के विपणन के लिये समय-समय पर रेशम कीट केन्द्रों पर मेलों का आयोजन किया जाता है।

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