शिमला: अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त लोक कलाकार और वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर डॉ. जोगेन्द्र हाब्बी ने प्रेस को जारी बयान में बताया कि लखनऊ स्थित राजभवन में हिमाचल प्रदेश का स्थापना दिवस बड़े हर्षोल्लास से मनाया गया। इस खास मौके पर राजभवन में आयोजित कार्यक्रम की मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश की महामहिम राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल रहीं।

लखनऊ राज भवन में होने वाले इस समारोह में भाषा एवं संस्कृति विभाग हिमाचल प्रदेश के सौजन्य से चूड़ेश्वर मण्डल, पझौता, सिरमौर के कलाकारों को सांस्कृतिक प्रदर्शन के लिए भेजा गया।
चूड़ेश्वर सांस्कृतिक मंडल के कलाकारों ने हाटी समुदाय की परंपरागत नाटी के अंतर्गत ठोडा नृत्य, रिहाल्टी गी, दीपक नृत्य, परात नृत्य और रासा नृत्य की शानदार प्रस्तुतियाँ देकर राजभवन के दर्शकों की खूब तालियां बटोरी। पर्यावरण तथा देव परंपरा से संबंधित सिरमौर के गिरिपार का लगभग पांच सौ वर्ष पुराना सिंहटू नृत्य भी सांस्कृतिक कार्यक्रम का विशेष आकर्षण रहा। सांस्कृतिक कार्यक्रम में देव शर्मा और उनके साथियों ने भी नाटी, पढुंआं और लम्बड़ा बखूबियत पेश किया।
डॉ. जोगेन्द्र हाब्बी ने राजभवन में अपने संबोधन में कहा कि राजभवन लखनऊ में हिमाचल स्थापना दिवस जैसे गरिमामय आयोजन हेतु मैं समस्त हिमाचल वासियों की ओर से आप सभी का दिल की गहराइयों से आभार प्रकट करता हूँ। ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत करती यह पहल हम सभी लिए अत्यंत गौरव का विषय है।
कार्यक्रम के दौरान चूड़ेश्वर मंडल के कलाकारों ने महामहिम राज्यपाल को पारंपरिक हिमाचली टोपी और मफलर पहनाकर सम्मानित किया।
राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने अपने भाषण में हिमाचली कलाकारों की खूब प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि हिमाचल जैसे पहाड़ी प्रदेश में कठिन परिस्थितियों में भी मेहनतकश लोग विकास की राह पर आगे बढ़ रहे हैं, यह हम सबके लिए प्रेरणादायक है। उन्होंने हिमाचल की सुंदरता और सांस्कृतिक समृद्धि को देश की धरोहर बताया।
चूड़ेश्वर मंडल के कलाकारों में मुख्यतः उस्ताद बिस्मिल्लाह ख़ान युवा पुरस्कार से सम्मानित लोक कलाकार गोपाल हाब्बी , रामलाल वर्मा, बिमला चौहान, चमन, संदीप, सुनील, नवीन, देवीराम, बलदेव, नरेंद्र, सरोज, अनु, पायल, हेमलता, तनु, आरती, प्रीति, दिनेश और इंद्र सहित कई कलाकार शामिल रहे।