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संवाददाता

लोगों से मैत्रीपूर्ण संबंध बनाए पुलिसः मुख्यमंत्री

शिमला: मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि पुलिस को आम आदमी का भरोसा जीतकर अपने कार्य एवं आचरण के माध्यम से उनके साथ मैत्रीपूर्ण संबध कायम करने चाहिए ताकि हिमाचल प्रदेश को सही मायनों में ‘देव भूमि’ एवं ‘वीर भूमि’ बनाया जाए सके। प्रो. धूमल ने हि.प्र पुलिस बोर्ड की आज यहां पुलिस मुख्यालय में आयोजित प्रथम बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह बात कही।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस की भूमिका में बदलावा आया है और इसे समाज में और अधिक सहयोगात्मक एवं महत्वपूर्ण योगदान देने की आवश्यकता है ताकि लोग पुलिस पर विश्वास कर इसकी उपस्थिति में खुद को सुरक्षित महसूस कर सकें। पुलिस बल की कार्यप्रणाली निष्पक्ष, गैर-राजनीतिक, विश्वसनीय, पारदर्शी, मानवीय, प्रभावी एवं जवाबदेह होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य पुलिस उच्च उच्च नैतिकता का निर्वहन करते हुए बेहतरीन सेवाएं प्रदान कर रही है। यह आवश्यक है कि कानून की अनुपालना करने वाले नागरिक पुलिस की उपस्थिति मंे सुरक्षित महसूस करें जबकि आपराधिक प्रवृत्ति एवं कानून का उल्लंघन करने वाले कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने वाली संस्थाओं से डरें। उन्होंने कहा कि पुलिस सरकार का चेहरा होता है जिसकी प्रभावी कार्यप्रणाली पुलिस चौकी एवं पुलिस थानों में दिखाई देती है, जहां किसी भी पीड़ित व्यक्ति को न्याय मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी भी आपात स्थिति में कम से कम समय में पुलिस को पीड़ितों तक सहायता पहंुचाने के भरसक प्रयास करने चाहिए।

प्रो. धूमल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश एक सुरक्षित पर्यटक गंतव्य है जहां वर्ष भर भारी संख्या में सैलानी आते हैं। सभी कानून प्रिय आगंतुकों को यह सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए तथा असामाजिक तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आंतकी गतिविधियां, जासूसी, संपत्ति के मामलों से जुड़े अपराध और अन्य राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में प्राथमिकता के आधार पर कार्रवाई की जानी चाहिए। इसके लिए खुफिया जानकारियों का संग्रहण, पेट्रोलिंग और बीट सिस्टम के पुनर्गठन व सुदृढ़ीकरण की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को अपनी टीम का उचित मार्गदर्शन करना चाहिए तथा यह सुनिश्चित बनाया जाएबा कि जनता और भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में पुलिस की मौजूदगी बनी रहे। उन्होंने मादक द्रव्यों के खिलाफ अभियान, युवाओं द्वारा नशीले पदार्थांे के सेवन तथा शैक्षणिक संस्थानों में रैगिंग के मामलों पर पर कड़ी निगाह रखने की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए तथा दैनिक जीवन में बढ़ रहे तनाव के कारण समाज में आत्महत्या की प्रवृत्ति रोकने के लिए एक सशक्त रणनीति अपनाने की जरूरत है। महिलाओं, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के साथ होने वाले अपराध के मामलों को गंभीरता से लेकर उन्हें शीघ्र न्याय दिलाया जाना चाहिए। यातायाम नियमों के उल्लंघन, धूम्रपान और पॉलिथीन के खिलाफ राज्य पुलिस के अभियानों की उन्होंने सराहना की।

मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि प्रदेश पुलिस अपनी कार्यप्रणाली में और सुधार लाकर देश के अन्य राज्यों के लिए आदर्श बनेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश पुलिस बल को आधुनिक एवं अधिक सशक्त बनाने के लिए राज्य सरकार हर संभव प्रयास करेगी।

प्रदेश पुलिस महानिदेशक डा. डीएस मन्हास ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए प्रो. प्रेम कुमार धूमल को 20,25,151 रुपये का ड्राफ्ट भेंट किया। यह धनराशि पुलिस बल के एक दिन के वेतन से एकत्र की गई।

प्रदेश विधानसभा में विपक्ष की नेता श्रीमती विद्या स्टोक्स ने इस मौके पर कहा कि प्रदेश में आपराधिक गतिविधियों के लिए मुख्यतः प्रवासी मज़दूर और श्रमिक जिम्मेवार हैं जिनकी गहराई से जांच-पड़ताल की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि महिलाओं, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के साथ होने वाले अपराधिक मामलों को शीर्ष प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि बेहतर कानून एवं व्यवस्था के माध्यम से यह सुनिश्चित बनाया जाना चाहिए कि आम आदमी सुरक्षित महसूस करे।

मुख्य सचिव श्रीमती राजवंत संधू ने कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए राज्य पुलिस की गुणातमक सेवाआंे की प्रशंसा की। उन्होंने पर्यटक स्थलों पर मादक द्रव्यों के अवैध व्यापार से जुड़े लोगों पर कड़ी निगाह रखने तथा पुलिस बल की अन्वेषण शाखा के सुदृ़ीकरण की आवश्यकता पर बल दिया। उनका कहना था कि आपराधिक गतिविधियों पर काबू पाने के लिए राष्ट्रीय उच्च मार्गांे और शहरी क्षेत्रों में रात्रि पेट्रोलिंग बढ़ाई जानी चाहिए।

पुलिस महानिदेशक डा. डी.एस मन्हास ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए प्रदेश पुलिस की उपलब्धियों का विवरण दिया। उन्होंने कहा कि वर्तमान की आवश्यकताओं के अनुरूप राज्य पुलिस व्यवाहारिक परिवर्तन पर ध्यान केंद्रित कर रही है। पुलिस लोगांे का विश्वास जीतकर सामाजिक सहायता को प्रोत्साहित कर रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा विभिन्न स्तरों पर सतर्कता बढ़ाए जाने से विगत कुछ वर्षांे में राज्य की अपराध दर में कमी दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 113 पुलिस थानों का कम्प्यूटरीकरण किया जा चुका है।

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्री एस.आर मरढ़ी ने राज्य पुलिस की उपलब्धियों, दृष्टिकोण और भावी योजनाओं का विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया।

मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री भीम सेन, प्रधान वित्त सचिव श्री अजय त्यागी, प्रधान गृह सचिव श्री अजय मित्तल, प्रधान विधि सचिव श्री ए.सी डोगरा, निदेशक अभियोजन श्री एच.एस राणा, फॉरेंसिक प्रयोगशाला के निदेशक डा. जे.आर गौड़, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्री आई.डी भंडारी व राज्य के पुलिस के अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित हुए।