धर्मशाला: मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल द्वारा 26 जुलाई, 2010 को देहरा तहसील के गांव सनियारा के समीप तताहन कलां में राज्य स्तरीय वन महोत्सव का शुभारंभ करने के उपरान्त कांगड़ा जिला में वनीकरण कार्यक्रम के तहत पौधरोपण का कार्य आरम्भ हो जाएगा तथा इस बरसात के मौसम के दौरान जिला में 318 हैक्टेयर भूमि पर विभिन्न प्रजातियों के 3.22 लाख पौधे रोपित किये जाएंगे, जिस पर 72 लाख रूपये की राशि व्यय करके औषधीय पौधों को सर्वाधिक प्राथमिकता देकर रोपित किये जाएंगे, जिसके लिये एक जन-आन्दोलन के रूप में लोगों की सह भागिता सुनिश्चित की जाएगी।
यह जानकारी उपायुक्त कांगड़ा श्री आर.एस. गुप्ता ने आज यहां देते हुए बताया कि गत दो वर्षों के दौरान वनीकरण कार्यक्रम के सफल कार्यान्वयन के फलस्वरूप भारतीय वन सर्वेक्षण के अनुसार कांगड़ा जिला में वन के अधीन पांच वर्गमीटर क्षेत्रफल में वृद्घि हुई है, जोकि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। उन्होंने बताया कि कांगड़ा जिला के कुल 3270 वर्गकिलोमीटर क्षेत्र में से 1543 वर्गकिलोमीटर क्षेत्र वन के अधीन है।
उन्होंने बताया कि गत वर्ष के दौरान जिला में 1365 हैक्टेयर भूमि पर 17.25 लाख विभिन्न प्रजातियों के पौधे लगाये गये जिसमें अधिकांश औषधीय पौधे हरड़, बेहड़ा, आमला, जामुन इत्यादि शामिल हैं। इसके अतिरिक्त ”अपना वन अपना धन” कार्यक्रम के तहत लोगों को वन विभाग के माध्यम से 120518 पौधे उपलब्ध करवाए गए।
श्री गुप्ता ने जानकारी दी कि जिला में सड़कों के किनारे पौधरोपण करने पर विशेष बल दिया जा रहा है तथा गत वर्ष के दौरान लोक निर्माण विभाग के माध्यम से जिला की विभिन्न सड़कों के किनारे 14805 पौधे रोपित किए गए। उन्होंने बताया कि वनों को आग से बचाने के लिए गत वर्ष के दौरान 14.35 लाख रूपये की राशि व्यय की गई तथा इस कार्य में आम जनता की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए 46 जेएफएमसी की सेवाएं ली गई। इसके अतिरिक्त चार जल संरक्षण संरचना भी निर्मित की गई।