शिमला: हिमाचल प्रदेश में पति को खो चुकी महिलाओं को नई जिंदगी शुरू करने में सरकार की ‘विधवा पुनर्विवाह योजना’ एक बड़ा सहारा बन रही है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में, सरकार ने इस योजना के तहत दी जाने वाली सहायता राशि को बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दिया है। यह पहल न केवल महिलाओं को पुनर्विवाह के लिए प्रोत्साहित कर रही है, बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने में भी मदद कर रही है।

इस योजना का लाभ प्रदेश भर में कई महिलाएं उठा रही हैं। अकेले मंडी जिले में ही इस साल सितंबर तक 7 पात्र महिलाओं को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जा चुकी है।
ब्यूटी पार्लर चलाकर बनीं आत्मनिर्भर
मंडी के बल्ह उपमंडल की होमावती ने इस योजना को अपने लिए वरदान बताया है। पहले पति के निधन के बाद जब उन्होंने पुनर्विवाह का फैसला किया, तो उन्हें इस योजना के बारे में पता चला। होमावती ब्यूटी पार्लर का काम करती हैं। सरकार से मिली 2 लाख की राशि में से 80 हजार रुपये उन्हें नकद और 1.20 लाख रुपये पांच साल की एफडी के रूप में मिले। उन्होंने नकद राशि से अपने पार्लर के लिए जरूरी सामान खरीदा और आज वह एक आत्मनिर्भर जीवन जी रही हैं।
बेटियों की पढ़ाई में मिल रही मदद
इसी तरह, सकरोहा गांव की नीलम कुमारी ने भी पुनर्विवाह के बाद इस योजना का लाभ उठाया। उन्होंने बताया कि इस 2 लाख रुपये की मदद से वह अपनी तीन बेटियों की पढ़ाई-लिखाई और घर का खर्च चलाने में सक्षम हुई हैं। उन्होंने इस योजना के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताते हुए कहा कि यह पहल महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ा रही है और उन्हें समाज में सम्मानजनक जीवन दे रही है।
इस योजना का लाभ उठाने के लिए दंपत्ति का बोनाफाइड हिमाचली होना जरूरी है। सरकार का कहना है कि यह कदम महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।