संवाददाता

शत-प्रतिशत नशा और पोलिथीन मुक्त ग्राम पंचायतों को मिलेंगे पांच लाख रुपए

कैथल:  शत-प्रतिशत नशा मुक्त और पोलिथीन मुक्त बनने वाली ग्राम पंचायतों को विकास कार्यों के लिए पांच-पांच लाख रुपए की अतिरिक्त धनराशि दी जाएगी, ताकि वे पंचायतें प्रदेश की अन्य पंचायतों के लिए अनुकरणीय बन सके। यह बात उपायुक्त अमनीत पी कुमार ने स्थानीय लघु सचिवालय सभागार में आयोजित 40 वर्ष तक के आयु के सरपंचों को संबोधित करते हुए दी। श्रीमती पी कुमार ने कहा कि पोलिथीन के कारण कस्बों, देहात और शहरों में सीवरेज व नालियां रूक जाती है जिसके कारण कई प्रकार की बीमारियों के फैलने का अंदेशा बना रहता है। इसलिए जरूरत इस बात की है कि नशा मुक्ति को रोकने और पोलिथीन के प्रयोग को बंद करने के लिए ग्राम पंचायतों को भी आगे आना चाहिए।

उपायुक्त ने अपने संबोधन में कहा कि देहात के आर्थिक उत्थान के लिए पंचायतों को सामाजिक ताने-बाने को मजबूत करने की भी जरूरत है। नशा खौरी के दंश ने युवा पीढ़ी को बर्बाद कर दिया है। आए दिन नशे की लत्त के कारण परिवारों में बेकार के विवाद खड़े होते हैं। सामाजिक परंपराएं टूटने लगी है, दूसरी और कन्या भ्रूण हत्या के कारण लड़के और लड़कियों के बीच का संतुलन डगमगाने लगा है। राज्य में लड़के और लड़कियों का ग्राफ क्रमश: 1000 तथा 867 है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर 1000 पुरूषों के पीछे 946 महिलाएं है, जोकि चिंता का विषय है। इस सामाजिक चिंता की परिणती प्रसन्नता के रूप में करने के लिए नशा खौरी, कन्या भ्रूण, दहेज प्रथा इत्यादि के उन्मूलन की ओर ध्यान देने की जरूरत है। उपायुक्त ने कहा कि पंचायतें गांव में विकास के कार्य रूचि लेकर ईमानदारी के साथ करवाएं। बदलते परिवेश में पंचायतों की भूमिका निर्णायक होने लगी है। केंद्र तथा राज्य सरकार की अधिकतर स्कीमें देहात के विकास के लिए बनी हुई है। पंचायतों को आर्थिक, सामाजिक और व्यवहारिक तौर पर मजबूत करने के लिए सरकार द्वारा करोड़ों रुपए की ग्रांट उपलब्ध करवाई जा रही है। उन्होंने बताया कि जिले में 3196 पंचायती राज संस्थाएं है, जिनमें से 2031 में पुरूष तथा 1165 में महिलाएं अगुवाई कर रही हैं। उन्होंने कहा कि देहात में स्वास्थ्य विभाग द्वारा महिलाओं को नि:शुल्क प्रसुति सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए डिलिवरी वैन उपलब्ध करवाई गई है।

Demo