शिमला: हिमाचल प्रदेश राज्य कर्मचारी महासंघ ने प्राथमिक शिक्षकों के लिए ब्रिज कोर्स को लेकर चल रहे असमंजस पर गहरी चिंता जताई है। महासंघ ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद एनआईओएस (NIOS) द्वारा शुरू किए गए 6 महीने के इस कोर्स के संबंध में प्रदेश सरकार और शिक्षा निदेशालय से तुरंत स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है। महासंघ का कहना है कि प्रदेश में बी.एड. योग्यता के आधार पर नियुक्त हुए कई शिक्षक पहले ही यह कोर्स कर चुके हैं, ऐसे में उन्हें दोबारा इसे करने के लिए मजबूर न किया जाए।

महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष नरेश ठाकुर ने बताया कि प्रदेश में बड़ी संख्या में ऐसे प्राथमिक शिक्षक हैं, जिन्होंने जेबीटी या प्राथमिक शिक्षक के पद पर नियुक्ति से पहले ही अपनी योग्यता को मजबूत करने के लिए एनआईओएस या समकक्ष संस्था से यह 6 माह का ब्रिज कोर्स सफलतापूर्वक पूरा कर लिया था। अब जब विभाग द्वारा नए सिरे से कोर्स करवाया जा रहा है, तो इन पुराने कोर्स धारकों में अनिश्चितता है कि क्या उन्हें भी दोबारा पंजीकरण करवाना होगा।
इस समस्या के समाधान के लिए महासंघ ने सरकार के समक्ष स्पष्ट मांग रखी है। उन्होंने आग्रह किया है कि जिन शिक्षकों ने नियुक्ति से पहले या बाद में यह अनिवार्य कोर्स पास कर लिया है, उन्हें नए ब्रिज कोर्स के लिए दोबारा रजिस्ट्रेशन या कोर्स दोहराने से तत्काल छूट दी जाए। इसके अलावा, शिक्षा विभाग से तुरंत एक आधिकारिक प्रेस नोट या सर्कुलर जारी करने की मांग की गई है, जिसमें यह साफ लिखा हो कि पूर्व कोर्स धारकों को नए पंजीकरण की आवश्यकता नहीं है।
महासंघ का सुझाव है कि ऐसे शिक्षकों का समय और संसाधन बर्बाद करने के बजाय विभाग केवल उनके पुराने प्रमाण पत्रों की जांच करने की प्रक्रिया अपनाए और उनका विवरण एनआईओएस को भेजे।
नरेश ठाकुर ने कहा कि राज्य कर्मचारी महासंघ शिक्षकों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और जिन शिक्षकों ने सेवा में आने से पहले ही सरकारी निर्देशों का पालन करते हुए अपनी योग्यता पूरी कर ली है, उन पर दोबारा कोर्स थोपना गलत है। उन्होंने मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से अपील की है कि वे इस तकनीकी और मानवीय मुद्दे पर हस्तक्षेप करें और जल्द से जल्द आवश्यक निर्देश जारी करें।