सोलन: अतिरिक्त उपायुक्त (एडीसी) राहुल जैन ने कहा है कि समाज में अगर बराबरी लानी है, तो महिलाओं का शिक्षित होना सबसे जरूरी है। एक पढ़ी-लिखी महिला ही हिंसा को रोकने और भेदभाव को खत्म करने में अहम भूमिका निभा सकती है। वे आज सोलन में ‘नई चेतना 4.0 राष्ट्रीय लैंगिक अभियान’ के तहत आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

राहुल जैन ने कहा कि यह अभियान सिर्फ एक सरकारी कार्यक्रम नहीं है, बल्कि जमीनी स्तर पर महिलाओं को उनके हक दिलाने की एक मुहिम है। इसका मकसद महिलाओं को सुरक्षित माहौल देना और उन्हें आर्थिक रूप से अपने पैरों पर खड़ा करना है। उन्होंने जोर देकर कहा कि लिंग के आधार पर होने वाले भेदभाव को केवल शिक्षा के हथियार से ही पूरी तरह मिटाया जा सकता है।
कार्यक्रम के दौरान एडीसी ने वहां मौजूद लोगों को हिंसा के खिलाफ आवाज उठाने की शपथ भी दिलाई। उन्होंने कहा कि प्रशासन पूरी कोशिश कर रहा है कि जिले की हर महिला अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहे।
शिविर में विशेषज्ञों ने महिलाओं को कई जरूरी जानकारियां दीं। स्वास्थ्य विभाग की डॉ. शालिनी पुरी ने सेहत से जुड़े टिप्स दिए, तो जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के उप प्रमुख एस.एल. कश्यप ने घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 और महिलाओं के कानूनी अधिकारों पर बात की। वहीं, बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) कविता गौतम ने ‘बेटी है अनमोल’ योजना और बाल विवाह के खिलाफ चल रहे अभियान की जानकारी साझा की।
कार्यक्रम में स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं ने नुक्कड़ नाटक के जरिए लैंगिक समानता का संदेश दिया। इससे पहले खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) रमेश शर्मा ने अतिथियों का स्वागत किया और अभियान के बारे में बताया।