शिमला : जिला की चिड़गांव तहसील के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत पेखा की प्रधान शर्मीला देवी उर्फ रमीला देवी को उनके पद से हटा दिया गया है। जिला प्रशासन ने यह सख्त कार्रवाई हिमाचल प्रदेश पंचायती राज अधिनियम 1994 की विभिन्न धाराओं के तहत की है। अब शर्मीला देवी आगामी छह वर्षों तक किसी भी पंचायत पद के लिए चुनाव नहीं लड़ सकेंगी।
यह कार्रवाई उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप द्वारा अधिनियम की धारा 146(1)(2) और 122(1)(सी) के अंतर्गत की गई। आदेश में प्रधान को निर्देश दिए गए हैं कि वे पंचायत से संबंधित सभी कैश, रिकॉर्ड, स्टॉक, स्टांप व अन्य दस्तावेज तत्काल पंचायत सचिव को सौंपें।

मामला 21 जून 2022 से शुरू हुआ था, जब ग्राम पंचायत पेखा की निवासी जय प्यारी पत्नी हरी लाल ने उपमंडलाधिकारी रोहड़ू के समक्ष एक याचिका दायर की थी। याचिका में आरोप था कि प्रधान शर्मीला देवी के ससुर केवल राम के परिवार ने पंचायत क्षेत्र की खसरा नंबर 621 की सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा कर रखा है। शिकायत में यह भी कहा गया कि इस प्रकार की स्थिति में प्रधान को पंचायत प्रतिनिधि बने रहना कानून के अनुरूप नहीं है।
याचिका पर कार्रवाई करते हुए एसडीएम रोहड़ू ने उनके चुनाव को निरस्त कर दिया। इस निर्णय के खिलाफ शर्मीला देवी ने उपायुक्त के समक्ष अपील की, लेकिन डीसी ने एसडीएम के आदेश को बरकरार रखते हुए, उन्हें पद से हटाने और छह वर्षों के लिए पंचायत चुनाव से अयोग्य करने का फैसला सुनाया।
इस निर्णय के बाद पंचायत क्षेत्र में प्रशासन की ओर से शेष कार्यों की जिम्मेदारी पंचायत सचिव को सौंपी गई है। प्रशासन ने इस पूरे मामले को पंचायत प्रतिनिधियों की जवाबदेही से जोड़ते हुए स्पष्ट किया है कि किसी भी सार्वजनिक पद पर रहते हुए कानून का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।