शिमला के गोबिंद सिंह को मिली मानद PhD, गांव से निकलकर शिक्षा जगत में बनाया नाम

Photo of author

By Hills Post

शिमला: जिला के चौपाल उपमंडल के देवत गांव निवासी गोबिंद सिंह चैंइक ने शिक्षा और समाज सेवा के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए उन्हें 27 नवंबर को पीएचडी की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया।

गोबिंद सिंह का सफर बेहद प्रेरणादायक रहा है। उन्होंने हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग में एक पीईटी (PET) के रूप में अपनी सेवाएं शुरू की थीं और अपनी कड़ी मेहनत के दम पर वर्तमान में शारीरिक शिक्षा प्रवक्ता के पद पर कार्यरत हैं। शिक्षा के साथ-साथ खेलों में भी उनका योगदान अहम है। वे हिमाचल प्रदेश में ‘ड्रॉप रोबॉल’ और ‘टेनिस वॉलीबॉल’ के फाउंडर मेंबर हैं और लगातार ग्रामीण क्षेत्रों में खेलों को बढ़ावा दे रहे हैं। उनके प्रयासों से आज प्रदेश के खिलाड़ी इन खेलों में राष्ट्रीय स्तर पर हिमाचल का नाम रोशन कर रहे हैं।

12 फरवरी 1975 को दौलत राम और नारदा देवी के घर जन्मे गोबिंद सिंह की प्रारंभिक शिक्षा देवत और चौपाल में हुई। नेरवा कॉलेज से स्नातक करने के बाद उन्होंने नागपुर यूनिवर्सिटी से बीपीएड, एचपीयू से एमए (अर्थशास्त्र) और इग्नू से एमए (योगा) की डिग्री हासिल की है।

Photo of author

Hills Post

हम उन लोगों और विषयों के बारे में लिखने और आवाज़ बुलंद करने का प्रयास करते हैं जिन्हे मुख्यधारा के मीडिया में कम प्राथमिकता मिलती है ।