शिमला: हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान IGMC में आने वाले मरीजों और तीमारदारों के साथ सेवा के नाम पर गोरख धंधा चल रहा है। मरीजों और तीमारदारों के साथ हो रहे इस गोरख धंधे में वे लोग संलिप्त हैं जो सेवा का ढोंग रच रहे हैं, यह आरोप आम आदमी पार्टी ने लगाया है। सेवा के नाम पर प्रशासन के नाक तले हो रही लूट-खसूट को लेकर आम आदमी पार्टी ने सरकार पर हमला बोला है।
आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता गौरव शर्मा ने आईजीएमसी में सेवा के नाम पर हो रही लूट पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि पहले सरकार एक व्यक्ति विशेष को वहां से निकलती है उसके बाद बिजली, पानी के कनेक्शन को कटवाती है, जो सही मायने में सेवा कर रहा था और दूसरी ओर एक व्यक्ति विशेष भाजपा से संबंध रखने वाले को वह जगह निशुल्क देती है जो सेवा के नाम पर सरेआम लूट मचा रहा है।
शर्मा ने कहा कि मंत्री और आईजीएमसी प्रशासन ने यह जगह देते समय जनता से कहा कि गरीब लोग जो यहां ईलाज के लिए पूरे प्रदेश से यहां आते हैं, रहने और खाने की मुफ्त की जाएगी, लेकिन सच्चाई यह है कि सराय में रहने के नाम पर प्रति व्यक्ति से 200 रुपए शुल्क लिया जा रहा है जिससे गरीब और पीड़ित लोगों को आर्थिक बोझ पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि सेवा के नाम पर चल रही इस लूट-खसूट के पीछे प्रशासन की मिलीभगत है। उन्होंने कहा कि यह सब सरकार की मिली भगत के बिना नहीं हो सकता। सरकार स्पष्ट करे क्यों ऐसे लुटेरों को संरक्षण दिया जा रहा है और ये पैसा किस-किस में बंट रहा है। उन्होंने कहा कि आईजीएमसी की हालत बेहद खराब है, जहां आए दिनों ना ही टेस्ट हों रहे हैं और ना ही मरीजों को दवाईयां मिल रही हैं। सिटी स्कैन आए दिनों खराब रहती है और मरीज को रिपन अस्पताल अथवा निजी लैब में भेजा जा रहा है जहां तीन गुणा दाम वसूले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह सब सरकार के नाक तले हो रहा है लेकिन सरकार और मंत्री मूक दर्शक बने हुए हैं।
उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी हमेशा निशुल्क स्वास्थ की बात करती है। लेकिन प्रदेश सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था बिल्कुल समाप्त हो गई है।उन्होंने मांग की है कि सरकार आईजीएमसी में सेवा के नाम पर हो रहे गोरख धंधे को तुरंत बंद करवाए और दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करे।