सोलन: शूलिनी यूनिवर्सिटी के मनोविज्ञान एवं व्यवहार विज्ञान केंद्र ने विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के अवसर पर नुक्कड़ नाटकों, जागरूकता पदयात्रा और विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया।
दिन भर चली इन गतिविधियों का मुख्य आकर्षण शाम को आयोजित जागरूकता पदयात्रा रही, जिसमें 100 से अधिक छात्रों ने भाग लिया। छात्रों ने पाइन कोर्ट, रिसेप्शन ब्लॉक और द मॉल जैसे स्थानों पर प्रभावशाली नुक्कड़ नाटकों का मंचन किया। इन नाटकों के माध्यम से छात्रों ने मानसिक तनाव, अवसाद और आत्महत्या की प्रवृत्ति के कारणों और समाधानों को मार्मिक ढंग से प्रस्तुत किया, जिसमें दर्शकों ने भी सक्रिय रूप से भाग लिया। इस दौरान छात्रों ने जागरूकता फैलाने वाले नारे लगाए और जानकारी युक्त फ्लैशकार्ड भी वितरित किए। यह पदयात्रा सोलन के चिल्ड्रन पार्क में समाप्त हुई।

इससे पहले, दिन की शुरुआत नारा लेखन, पोस्टर निर्माण और कविता प्रतियोगिताओं के साथ हुई, जिसमें छात्रों ने 60 से अधिक प्रविष्टियों के माध्यम से अपनी रचनात्मकता और संवेदनशीलता का परिचय दिया। विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रोफेसर प्रेम कुमार खोसला ने भी कार्यक्रम स्थल का दौरा कर छात्रों के प्रयासों की सराहना की। जागरूकता के प्रतीक के रूप में पूरे परिसर में रिबन बैज भी वितरित किए गए।
इन सभी गतिविधियों का उद्देश्य आत्महत्या से जुड़े मिथकों को तोड़ना और लोगों को यह संदेश देना था कि मानसिक स्वास्थ्य पर खुलकर बात करना और समय पर मदद मांगना किसी की जान बचा सकता है।