सोलन: शूलिनी यूनिवर्सिटी में काव्य क्लब और लिट-विट्ज़ क्लब द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित हिंदी महोत्सव के माध्यम से बड़े उत्साह और सांस्कृतिक भावना के साथ हिंदी दिवस मनाया।
हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को संविधान सभा द्वारा 1949 में हिंदी को भारत की राजभाषा के रूप में अपनाने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इस कार्यक्रम में 22 छात्रों ने सक्रिय भागीदारी की, जिनमें से 17 ने कविता पाठ प्रतियोगिता में और 5 ने भाषण प्रतियोगिता में भाग लिया।
कार्यक्रम का निर्णायक मंडल डॉ. प्रकाश चंद और पीएचडी शोधार्थी रसविका त्रिपाठी ने किया, जबकि चित्रकूट स्कूल ऑफ लिबरल आर्ट्स की प्रमुख डॉ. पूर्णिमा बाली विशेष अतिथि थीं।

भाषण प्रतियोगिता में समानता ही सच्ची आज़ादी है, अगर किताबें बोल सकती हैं, एक पेड़, सौ उम्मीदें, राष्ट्रीय शिक्षा नीति और स्वच्छ भारत अभियान जैसे विषयों पर प्रभावशाली प्रस्तुतियाँ दीं गईं। छात्रों ने विशेष रूप से राष्ट्रीय शिक्षा नीति और स्वच्छ भारत अभियान पर अपने गहन दृष्टिकोण साझा किए। कविता पाठ ने मौलिक छंदों के साथ एक रचनात्मक और भावनात्मक आयाम जोड़ा।
निर्णायकों ने प्रतिभागियों के आत्मविश्वास, विचारों की गहराई और प्रभावी प्रस्तुति की प्रशंसा की। भाषण प्रतियोगिता में जाह्नवी, अदिति और सान्या सहगल विजेता रहीं, जबकि राफिया अमन, हरि नारायण और पलक जैन ने कविता पाठ प्रतियोगिता में शीर्ष स्थान हासिल किया। यह कार्यक्रम एसोसिएट डीन छात्र कल्याण डॉ. नीरज गंडोत्रा के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया था। यह हिंदी और उसके कालातीत सांस्कृतिक सार के लिए एक यादगार क्षण बन गया।