सोलन: हिमाचल प्रदेश के लोकायुक्त और राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष, न्यायमूर्ति सी. बी. बारोवालिया ने सोमवार को शूलिनी विश्वविद्यालय के छात्रों को मानवाधिकार का व्यावहारिक पाठ पढ़ाया। उन्होंने अपने लंबे कानूनी करियर के वास्तविक जीवन के उदाहरणों को साझा करते हुए कानूनी पेशेवरों की इन अधिकारों की रक्षा में भूमिका पर जोर दिया।

विधि विज्ञान संकाय द्वारा आयोजित इस अतिथि व्याख्यान में, न्यायमूर्ति बारोवालिया ने मानवाधिकारों के ऐतिहासिक विकास से लेकर समकालीन समाज में उनकी प्रासंगिकता पर एक ज्ञानवर्धक व्याख्यान दिया। उन्होंने छात्रों को समझाया कि कैसे कानूनी पेशेवरों को मानवाधिकारों की रक्षा के लिए नैतिक रूप से जिम्मेदार और चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए।
अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि मानवाधिकारों की सच्ची समझ केवल किताबी ज्ञान से नहीं, बल्कि समाज की जमीनी हकीकत और वास्तविक मामलों से आती है। उन्होंने कई केस स्टडीज का जिक्र करते हुए बताया कि कैसे अदालतों ने इन अधिकारों को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
इससे पूर्व, एसोसिएट डीन डॉ. नंदन शर्मा ने मुख्य वक्ता का स्वागत करते हुए आज की दुनिया में मानवाधिकारों के महत्व पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का समापन एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. रेणु पाल सूद द्वारा दिए गए धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें उन्होंने न्यायमूर्ति बारोवालिया की बहुमूल्य अंतर्दृष्टि के लिए आभार व्यक्त किया।