श्री रेणुका जी मेले की चौथी सांस्कृतिक संध्या में पहाड़ी कलाकारों ने खूब जमाया रंग

नाहन : उत्तर भारत के प्रसिद्ध अंतर्राष्ट्रीय श्री रेणुका जी मेले की चौथी सांस्कृतिक संध्या का शुभारंभ उपायुक्त सिरमौर एवं मेला समिति के उपाध्यक्ष सुमित खिम्टा ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस दौरान विशेष अतिथि के रूप में जिला एवं सत्र न्यायाधीश सिरमौर हंस राज तथा अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश गौरव महाजन ने इस संध्या में भाग लिया। इस उपलक्ष पर उपमंडल अधिकारी नाहन एवं सदस्य सचिव श्री रेणुका जी विकास बोर्ड राजीव सांख्यान व मुख्य कार्यकारी अधिकारी भरत सिंह ने मुख्य अतिथि एवं विशेष अतिथि को टोपी ,सिरमौरी परिधान लोईया, डांगरा व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।

इस सांस्कृतिक संध्या में लोक कलाकारों ने खूब रंग जमाया। सांय 5ः00 बजे से आरंभ हुई इस संध्या में जिला सिरमौर के स्थानीय कलाकारों के साथ-साथ प्रदेश के प्रसिद्ध लोक गायक मोहन सिंह चैहान, किशन वर्मा, वाॅयस ऑफ़ सिरमौर रह चुके दलजीत सिंह ने एक से बढ़कर एक बेहतरीन प्रस्तुतियां दी। इस संध्या के दौरान नाटीयों के रंग के अलावा जम्मू-कश्मीर की लोक संस्कृति व उत्तराखंड के डोली नृत्य की झलक भी देखने को मिली।

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चैथी सांस्कृतिक संध्या के मुख्य कलाकार रहे विक्की चैहान, सुरेश शर्मा और हिमांशी तंवर ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां देकर दर्शकों को थिरकने पर मजबूर किया। सुरेश शर्मा ने गोरा-गोरा मुखडा से कार्यक्रम की शुरूआत की जिसके बाद उन्होंने क्या चल रहा है भाईजी, तेरी परोंठी लागा रेडिया जैसे प्रचलित लोकगीत गाकर लोगो का भरपूर मनोरंजन किया।

कार्यक्रम के दौरन जैसे ही हिमांशी तंवर ने मंच पर अपनी सुरीली आवाज के साथ कार्यक्रम का आगाज किया तो दर्शकों ने तालियों व सिटियों के साथ उनका अभिनंदन किया। हिमांशी तंवर ने यार मेरा तितलियां बरगा, हो लाल मेरी पंजाबी और फिल्मी नगमें सुनाकर दर्शकों को अपने बीच बांधे रखा।

इस सांस्कृतिक संध्या के आखिरी दौर में लोक गायक विक्की चैहान ने मंच पर आते ही एक के बाद एक लोक गीतों की झड़ियां लगाकर दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया। विक्की चैहान ने नाटी लागे नाचदे, भींडरू नी मानयों मेरे जाना चूरपूडा, मेरे मंगना मे तुम्हारा क्या काम है जैसे अपने प्रचलित हुए लोकगीतों को गाकर खूब तालियाँ बटोरी।

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