नाहन: संस्कृत भाषा सभी भाषाओं की जननी मानी गई है तथा सभी जिला मुख्यालयों में संस्कृत कालेज खोले जाने चाहिए। यह बात राजकीय संस्कृत कालेज नाहन में केंद्रीय छात्र संगठन के अध्यक्ष व तहसील संयोजक प्रताप शर्मा ने शुक्रवार को एक विषाल रैली को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार छठी से दसवीं कक्षा तक संस्कृत विषय को अनिवार्य करके भारतीय संस्कृत के साथ खिलवाड कर रही है। उन्होने कहा कि जो संस्कृत कालेज खोले गए है उनमें आचार्य की कक्षाएं आरंभ की जानी चाहिए व आचार्य को एमए के समक्ष किया जाए। प्रताप सिंह ने कहा कि संस्कृत विश्वविद्यालय की अलग से स्थापना की जानी चाहिए तथा संस्कृत देव वाणी को द्वितीय राज भाषा का दर्जा दिया जाना चाहिए। एबीवीपी के जिला संगठन मंत्री अजय भेरटा ने कहा कि संस्कृत कालेज की मांगों को लेकर एबीवीपी हमेषा छात्र के हितों के समय-समय मांग करती रही है इन मांगों को आवश्यक्ता अनुसार पूरा करवाया है। श्री भेरटा ने कहा कि यदि इन मांगों को नहीं माना गया तो एबीवीपी संघर्ष का रास्ता अपनाएगी। संस्कृत कालेज के छात्रों ने अपनी मांगों को अतिरिक्त उपायुक्त के माध्यम से षिक्षा मंत्री को ज्ञापन सौंपा। रैली में संस्कृत कालेज के लगभग 350 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।