सोलन: अर्की के विधायक संजय अवस्थी ने कहा कि संस्कृत जहां सभी भारतीय भाषाओं की जननी है वहीं सनातन जीवन परम्परा का पूर्णसार की जानकारी हमें मूल रूप से संस्कृत से ही मिलती है। संजय अवस्थी आज अर्की विधानसभा क्षेत्र की राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बथालग में राज्य स्तरीय हिमाचल राजकीय संस्कृत शिक्षक परिषद के त्रैवार्षिक अधिवेशन को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा के पठन-पाठन से मनुष्य की मनोवृत्ति में शुद्धता और स्वच्छता का संचार होता है।

संजय अवस्थी ने कहा कि संस्कृत भाषा पढ़ाने वाले शिक्षक न केवल भाषा का ज्ञान देते हैं बल्कि भाषा के संरक्षण का कार्य भी करते हैं। उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा विश्व की सबसे पुरानी भाषा है। इसका ज्ञान व्यक्ति को धार्मिक, दार्शनिक और साहित्यिक ग्रंथों को समझने में परिपूर्ण बनाता है।
विधायक ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी के पूर्ण कार्य में संस्कृत की मेहता को स्वीकार किया गया है। विश्व की विभिन्न भाषाओं का मूल संस्कृत ही है। हम सभी भाग्यशाली हैं कि हम उस समाज का हिस्सा है, जहां पर इस भाषा की उत्पत्त्ति हुई है। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन संस्कृत भाषा के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि युवाओं को नशे से दूर रखने में संस्कृत भाषा अहम भूमिका निभा सकती है। संस्कृत भाषा का ज्ञान युवाओं को हमारे प्राचीन ज्ञान की जानकारी देकर उनके हृदय व मानसिकता में सकारात्मक परिवर्तन ला सकता हैं। उन्होंने कहा कि अपनी भाषा, संस्कृति और परम्परा को अपनाने वाला समाज ही वास्तविक अर्थों में प्रगति करता है।
संजय अवस्थी ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की सोच है कि वहीं समाज आगे बढ़ता है जो समाज शिक्षित होता है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए विभिन्न योजनाएं आरम्भ की गई। डॉ. वाई.एस.परमार विद्यार्थी ऋण योजना भी ऐसी ही एक योजना है। इस योजना के तहत एक प्रतिशत ब्याज दर पर 20 लाख रुपए तक शिक्षा ऋण उच्च शिक्षा के लिए उपलब्ध करवाया जा रहा है। यह योजना मेधावी छात्रों को उच्चतम स्तर तक पहुंचने का अवसर प्रदान करती है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व में किसानों, बागवानों व पशुपालकों की आर्थिकी सुदृढ़ करने के लिए प्रदेश सरकार विभिन्न कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि गाय के दूध के न्यूनतम समर्थन मूल्य को 45 रुपए से बढ़ाकर 51 रुपए प्रति लीटर तथा भैंस के दूध के मूल्य को 55 रुपए से बढ़ाकर 61 रुपए प्रति लीटर किया गया है जिससे किसान एवं पशुपालक व्यापक तौर पर लाभान्वित होंगे।
विधायक ने अधिवेशन में कोविड-19 काल के दौरान प्रदेश के विभिन्न विद्यालयों के संस्कृत भाषा में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अध्यापकों को सम्मानित किया। उन्होंने परिषद को 21 हजार रुपए देने की घोषणा की। विधायक ने इस अवसर पर जन समस्याएं भी सुनी और संबंधित अधिकारियों को इनके शीघ्र निपटारे के निर्देश दिए।
तहसीलदार अर्की विपिन शर्मा, जल शक्ति विभाग के अधिशाषी अभियंता विवेक कटोच, विद्युत बोर्ड के अधिशाषी अभियंता संदीप शर्मा, हिमाचल संस्कृत शिक्षक परिषद के अध्यक्ष डॉ. मनोज शैल, महासचिव अमित शर्मा, सचिव सोहन लाल वित्त, संगठन मंत्री ललित शर्मा, सदस्य कमल गौतम, रवींद्र मेहता, डॉ. त्रिलोक ठाकुर सहित प्रदेश के संस्कृत शिक्षक इस अवसर पर उपस्थित थे।