शिमला : मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने शनिवार देर सायं नई दिल्ली से वर्चुअल माध्यम से डॉ. मनमोहन सिंह हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान (हिपा) में आयोजित ‘समृद्ध हिमाचल 2045’ तीन दिवसीय भौतिक विचार मंथन अभ्यास कार्यक्रम को संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य संगोष्ठियों और चर्चाओं के माध्यम से हिमाचल प्रदेश के सतत् आर्थिक विकास के लिए 20 वर्षीय कार्य योजना तैयार करना है। प्रदेश सरकार हिमाचल प्रदेश को हरित ऊर्जा राज्य, आत्मनिर्भर और समृद्ध राज्य बनाने के संकल्प के साथ कार्य कर रही है। उन्होंने बल देते हुए कहा कि इन दीर्घकालीन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए प्रदेश सरकार सतत् विकास और आर्थिक वृद्धि के लिए समग्र दृष्टिकोण के साथ कार्य कर रही है। इससे भविष्य के लिए नवीन रणनीतियां तैयार करने में मदद मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के चहुंमुखी विकास के लिए सरकार प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है और वित्त वर्ष 2025-26 के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सुदृढ़ीकरण, ऊर्जा क्षेत्र के विकास, पर्यटन क्षेत्र को प्रोत्साहन और शिक्षा तथा स्वास्थ्य क्षेत्र की अधोसंरचना को केंद्र में रख कर तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जल विद्युत क्षमता का उच्चतम दोहन सुनिश्चित करना चाहती है और सरकार ने ऊर्जा परियोजनाओं में अधिक रॉयलटी प्राप्त करने का मामला उठाया है। प्रदेश प्राकृतिक खेती में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हैं और डेयरी क्षेत्र के विकास को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सभी क्षेत्रों को सुदृढ़ करने के लिए विभिन्न पहल की गई है और व्यवस्था परिवर्तन का अर्थ आत्मनिर्भर हिमाचल बनने की ओर अग्रसर होना है।
अन्तरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त विचारक एवं उद्यमी सैम पित्रोदा भी वर्चुअल माध्यम से अमेरिका से इस सत्र में जुड़े। उन्होंने प्रदेश के समावेशी विकास के लिए बहुमूल्य सुझाव दिए तथा इस विषय पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने प्रदेश सरकार की नवाचार प्रयासों की सराहना की और कहा कि हिमाचल के विकास के लिए वह प्रदेश सरकार से अपने ज्ञान को साझा करने के इच्छुक है।
मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने प्रदेश सरकार द्वारा दो वर्षों में उठाए गए विभिन्न कदमों की विस्तृत जानकारी दी।
विषय विशेषज्ञ, विभिन्न विभागों के सचिव, प्रदेश सरकार के अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे।