नाहन :हिमाचल प्रदेश में हाल के वर्षों में लगातार प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ रहा है। कभी बादल फटने, तो कभी भारी बारिश और भूस्खलन जैसी घटनाओं ने प्रदेश में जनजीवन को प्रभावित किया है। इन परिस्थितियों को देखते हुए पंचायती राज विभाग ने प्रदेशभर में पंचायत प्रतिनिधियों और विभागीय कर्मचारियों को आपदा प्रबंधन पर प्रशिक्षित करने का निर्णय लिया है।
इसी के तहत आज जिला मुख्यालय नाहन में जिला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस प्रशिक्षण में एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल) और अग्निशमन विभाग के विशेषज्ञ कर्मचारियों ने भाग लिया। उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों और कर्मचारियों को आपदा की स्थिति में बचाव और राहत कार्यों को प्रभावी ढंग से अंजाम देने की विधियां समझाईं।

प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान एनडीआरएफ और अग्निशमन विभाग की टीमों ने लाइव डेमोंसट्रेशन प्रस्तुत किए। प्रतिभागियों को आगजनी, भूकंप, बाढ़ और भूस्खलन जैसी परिस्थितियों से निपटने के व्यावहारिक तरीके बताए गए। इस मौके पर ग्रामीण स्तर पर उपलब्ध संसाधनों का उपयोग कर त्वरित राहत देने और लोगों की जान बचाने के उपाय भी साझा किए गए।
जिला पंचायत अधिकारी डॉ. विनय ने बताया कि प्राकृतिक आपदाओं के बढ़ते खतरे को देखते हुए पंचायती राज विभाग ने यह प्रशिक्षण अभियान शुरू किया है। उन्होंने कहा “आपदा के समय पंचायत प्रतिनिधियों और विभागीय कर्मचारियों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होती है। यदि वे प्रशिक्षित और जागरूक रहेंगे तो आपात स्थिति में तुरंत राहत व बचाव कार्य कर सकेंगे और नुकसान को कम किया जा सकेगा।”
उन्होंने आगे बताया कि नाहन में आयोजित यह जिला स्तरीय कार्यक्रम केवल शुरुआत है। जिला सिरमौर के सभी विकास खंडों में क्रमवार इस तरह की कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं, ताकि गांव-गांव तक आपदा प्रबंधन की जानकारी पहुंच सके।
प्रशिक्षण में शामिल पंचायत प्रतिनिधियों ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि उन्हें अब व्यावहारिक तौर पर समझ आया है कि आपदा की स्थिति में किस प्रकार कार्य करना चाहिए। उनका मानना है कि अगर गांव स्तर पर लोग जागरूक और प्रशिक्षित होंगे तो आपदा से होने वाले नुकसान को काफी हद तक कम किया जा सकता है।