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सिरमौर में पैरा ग्लाइडिंग साइट की अनदेखी

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नाहन: राजगढ उपमंडल के सेर-जगास में पैरा ग्लाइडिंग की साइट अधिसूचित होने के बावजूद उडाने भरने की गतिविधियां शुरू नही हो पा रही हैं। बडी बात यह है कि यह साइट प्रदेश भर में अपनी तरह की पहली साइट है क्योंकि एक ही स्थान पर उडान व लैडिंग भी की जा सकती है। गौरतलब है कि प्रदेश भर में कहीं पर भी पैरा ग्लाइडरस को इस तरह की साइट उपलब्ध नहीं है। गत वर्ष 15 अक्तूबर को इस स्थल पर अंर्तराष्ट्रीय पैरा ग्लाइडर गुरप्रीत ढिंढसा व पैरा ग्लाइडर सुरेंद्र तलवार की मौजूदगी में ऐरो नियम के तहत कैश फलाइट की गई थी। राजगढ के एसडीएम की अगवाई में गठित सब कमेटी ने पैरा ग्लाइडिंग की टेस्ट फ्लाइटस के बाद राज्य सरकार को इस साइट को अधिसूचित करने के लिए रिपोर्ट में अनुमोदन किया था। बाद में बमुश्लि सरकार ने इस साइट को अधिसूचित तो कर दिया लेकिन पैरा ग्लाइडिंग की गतिविधियां अब तक शुरू नहीं की जा सकी।

करीब दो साल पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम धूमल ने इस क्षेत्र में पैरा ग्लाइडिंग की संभावना को तलासने की घोषणा की थी। उल्लेखनीय है कि निजी कंपनी से जुडे पैरा ग्लाइडिंग विशेषज्ञ सुरेंद्र तलवार ने गुगल अर्थ पर इस साइट को ढूंढा था। खास बात यह भी है कि प्रदेश की यह पैरा ग्लाइडिंग साइट जुब्बल हट्टी एयरपोर्ट, चंडीगढ एयरपोर्ट व कालका रेलवे स्टेशन से दो से तीन घंटे के बीच की दूरी पर स्थित है। अलबत्ता इसी कारण विदेशी पैरा ग्लाइडर के लिए यह साइट जन्नत साबित हो सकती है उल्लेखनीय है कि सबसे पहले गुरप्रीत ढिंढसा ने यहां से उडान भरी थी। गत वर्ष ढिंढसा यह भी कहा था कि इस साइट से उडान भर कर चुडधार चोटी के अलावा पडोसी राज्य उत्तराखंड के विकासनगर में लैडिंग करने की योजना है। राजगढ उपमंडल के सराहां व संगडाह खंड के भंगाइनी माता मंदिर के परिसर से भी पैरा ग्लाइडिंग की उडाने भरने की अपार संभावनाएं है। विशेषज्ञ का कहना है कि अगर सेर जगास, सराहां व हरिपुरधार में पैरा ग्लाइडिंग की पूरी संभावना का दोहन किया जाए तो सिरमौर जिला में पर्यटन के विकास में क्रांति का आ सकती है। राजगढ के एसडीएम राजेश मारिया ने बताया कि साइट की अधिसूचना सरकार द्वारा जारी की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि बरसात के कारण कार्रवाई नहीं की जा सकी है।