नाहन: सिरमौर जिला में बाल मजदूरी व बाल शोषण को जड़ से मिटाने के लिए सभी सम्बंधित विभागों द्वारा विशेष जन जागरण अभियान चलाया जाएगा। यह जानकारी उपायुक्त सिरमौर राम कुमार गौतम ने आज यहां आयोजित चाइल्ड लाइन एडवाइजरी बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी।
उन्होंने बताया की इस अभियान के तहत आंगनवाड़ी केंद्रों और पंचायतों के माध्यम से लोगों को भी जागरूक किया जाएगा ताकि वह अपने आस पास बच्चों के हितों की रक्षा कर सकें। उन्होंने बाल अधिकारों के उल्लंघन व बच्चों से जुड़े मामलों में पुलिस विभाग को सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए ताकि बाल अधिकारों का संरक्षण सुनिश्चित किया जा सके।
उपायुक्त ने बैठक में बताया कि सिरमौर के पांवटा साहिब, त्रिलोकपुर सहित अन्य क्षेत्रों में बच्चों को भीख मांगते देखा गया है, जिसके लिए उन्होंने संबंधित विभाग के अधिकारियों को क्षेत्र की पहचान कर भीख मांगने वाले बच्चों के परिवार के सदस्यों की काउंसलिंग कर इन बच्चों की शिक्षा का उचित प्रबंध करने के निर्देश दिए। उन्होंने चाइल्ड लाइन समन्वयक को हर माह अलग-अलग स्थानों पर कार्यशाला का आयोजन कर लोगों को जागरूक करने के निर्देश दिए। उपायुक्त ने बच्चों के अधिकारों के लिए कार्य कर रहे सभी विभागों को अगली बैठक के लिए बच्चों के हितों से सम्बंधित कानूनों और उनकी ज़िम्मेदारियों की पूरी जानकारी साथ लेकर आने के निर्देश दिए ताकि बच्चों के संबंधित अपराधों में तुरंत कार्यवाई की जा सके।
उपायुक्त ने बच्चों के हितों के लिए कार्य कर रहे सभी संगठनों को मिलकर औचक निरीक्षण करने के निर्देश दिए ताकि बाल मजदूरी व बाल शोषण को जड़ से मिटाया जा सके। उपायुक्त ने श्रम विभाग के अधिकारियों को निर्देश जारी करते हुए कहा कि सभी कंपनियों में चाइल्ड लाइन के टोल फ्री नंबर 1098 का लोगो लगवाना सुनिश्चित करें। उन्होंने शिक्षा विभाग को सभी स्कूलों में मूल्य आधारित शिक्षा शुरू करने को कहा ताकि उनका चरित्र निर्माण हो सके और बच्चों को विभिन्न मुद्दों जैसे कि बाल विवाह, बाल मजदूरी, बाल शोषण के बारे में स्कूलों में ही जागरूक किया जा सके। इसके अतिरिक्त, छोटे बच्चों को गुड टच और बैड टच के बारे में भी बताया जाए।
उन्होंने शिक्षा उपनिदेशक सिरमौर को जिला के सभी प्राइवेट स्कूलों की बसों में कैमरा लगवाने के लिए गाइडलाइंस जारी करने के निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त, लड़कियों को ले जाने वाली बसों में महिला अटेंडेंट का होना अनिवार्य किया जाएगा।
उन्होंने मेडिकल कॉलेज के अधिकारी को दिव्यांगों के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट जारी करने के लिए अलग से बोर्ड बिठाने और अलग कमरे की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने शिक्षा उपनिदेशक को निर्देश दिए कि 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता वाले सभी स्कूली छात्रों को शिक्षा विभाग की ओर से दी जाने वाली सभी सुविधाओं का लाभ उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करें। उन्होंने बताया कि अस्थाई तौर पर 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग सर्टिफिकेट उपलब्ध हो तो अगले 5 वर्षों के बाद रिव्यू बैठक तक उस छात्र व छात्रा को विभाग की ओर से दिए जाने वाले सभी प्रकार की सुविधाओं का लाभ दिया जाना चाहिए।