सूखा राहत कार्यक्रम के तहत मिलने वाले राशन पर केन्द्र सरकार द्वारा अनुदान देने का आश्वासन : ध्वला

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ज्वालामुखी : खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री ने कहा कि सूखा राहत कार्यक्रम के तहत मिलने वाले राशन को उपदान दरों पर उपलब्ध करवाने के लिये केन्द्र सरकार द्वारा सैंद्घांतिक तौर पर मौखिक स्वीकृति प्रदान कर दी गई है तथा उन्होंने इस बारे शीघ्र अधिसूचना जारी करने का आग्रह किया है ताकि प्रदेश में 11 लाभ से अधिक बीपीएल परिवारों को सूखा राहत कार्यक्रम के तहत सस्ती दरों पर राशन उपलब्ध हो सके।

यह जानकारी खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री ने रविवार को ज्वालामुखी निर्वाचन क्षेत्र की तहसील मुख्यालय भुंडियां में ‘प्रशासन जनता के द्वार कार्यक्रम के तहत उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए दी।

श्री रमेश ध्वाला ने बताया कि भारत सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश के साथ राशन कोटा एवं मिट्टी के तेल के आबंटन में बहुत अन्याय किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वर्ष-2009 के दौरान रसोई गैस कुनेक्शन में केवल 6 प्रतिशत की वृद्घि हुई है, जिसकी एवज़ भारत सरकार द्वारा मिट्टी के तेल में 32 प्रतिशत कटौती कर दी गई। जिसकी वजह से प्रदेश में विभिन्न राज्यों बिहार, राजस्थान, उत्तर प्रदेश आदि से आए प्रवासी मज़दूरों के अलावा हिमांछादित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को भी उनकी आवश्यकता अनुसार मिट्टी का तेल उपलब्ध नहीं होगा।

उन्होंने कहा कि चावल में कोटे में 11 हजार मीट्रिक टन की कटौती की गई है, जिसमें 18 हजार मीट्रिक टन कोटे में से केवल 7 हजार मीट्रिक टन चावल मिल रहा है, जोकि हिमाचल के साथ एक अन्याय है। उन्होंने कहा कि सूखा राहत कार्यक्रम के तहत प्रदेश को दिये गये चावल को 18 रूपये और आटा 14$50 रूपये प्रति किलोग्राम दर से केन्द्र सरकार ने निर्धारित किया है। इसे कम दर पर बीपीएल परिवारों को प्रदान करने के लिये केन्द्र सरकार से आग्रह किया गया है और अधिसूचना के उपरान्त प्रदेश के बीपीएल परिवारों को आटा 8.50 रूपये और चावल 13.50 रूपये प्रति किलोग्राम की दर से उपलब्ध होगा।

श्री रमेश ध्वाला ने कहा कि प्रदेश को मिलने वाले चीनी के कोटे में भी कमी की गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश वर्ष 2001 की जनगणना के आधार पर केवल 47 हजार क्विंटल चीनी मिल रही है। जबकि आवश्यकता 52 हजार क्विंटल प्रतिमाह है क्योंकि प्रदेश में आबादी बढऩे के साथ-साथ राशनकार्ड धारकों की संख्या में भी वृद्घि हुई है। उन्होंने बताया कि केन्द्र के निर्धारित मापदण्डों के अनुसार 700 ग्राम चीनी प्रति व्यक्ति प्रति माह की दर दिया जाता है। परन्तु केन्द्र द्वारा प्रदेश को 600 ग्राम प्रति व्यक्ति चीनी का कोटा दिया जा रहा है।