सोलन के डॉ. कोहली को दिल्ली में मिलेगी ISGPB फैलोशिप

सोलन: पैराग्वे में हरित क्रांति के जनक व सोलन के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ. मनमोहन कोहली को इंडियन सोसायटी ऑफ जैनेटिक्स एंड प्लांट ब्रिडिंग (ISGPB) की ऑनरेरी फैलोशिप देगा। फसल सुधार के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें यह फैलोशिप प्रदान की जाएगी। 7 अगस्त 2024 को दिल्ली में आयोजित होने वाले आईएसजीपीबी ऑनरेरी कार्यक्रम में डॉ. मनमोहन कोहली को यह सम्मान मिलेगी।

Dr Manmohan Kohli

डॉ. कोहली वर्तमान में पैराग्वे देश में रहते हैं। सितंबर 2023 में उन्हें पैराग्वे गणराज्य का सर्वोच्च नागरिक सम्मान देश में हरित क्रांति लाने के लिए मिल चुका है। सोलन जैसे छोटे शहर से लेकर अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त कृषि वैज्ञानिक की यात्रा सभी के लिए प्रेरणादायक है।

सरकारी स्कूल से हुई दसवीं तक की पढ़ाई

79 वर्षीय वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ.मनमोहन कोहली ने बताया कि उन्होंने अपनी मैट्रिक तक की पढ़ाई ब्वॉयज सीनियर सेकंडरी स्कूल सोलन से वर्ष 1960 में पूरी की। इसके बाद राज्यस्थान के उदयपुर कॉलेज से बीएससी (एग्रीक्लचर), भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) दिल्ली से मास्टर डिग्री व पीएचडी की डिग्री हासिल की।

डॉ.कोहली ने अपने व्यापक कार्य और समर्पण के माध्यम से खुद को पैराग्वे में एक महत्वपूर्ण कृषि वैज्ञानिक के रूप में स्थापित किया। डॉ कोहली ने  पिछले तीन दशकों में 20 से अधिक विशिष्ट राष्ट्रीय गेंहू किस्मों के निर्माण व उन्नति में अहम भूमिका निभाई। पिछले 6 दशकों से वह कृषि क्षेत्र में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

सोलन में टैंक रोड़ पर है डॉ.कोहली का घर

 डॉ. कोहली का परिवार पाकिस्तान से आकर सोलन में बसा था। उनका जन्म अविभाजित भारत के समय पाकिस्तान में हुआ था। भारत-पाक विभाजन के बाद उनका परिवार हिमाचल आया और सोलन में बस गया। सोलन के पैलेस रोड़ पर उनका मकान हैं और साल में एक बार सोलन जरूर आते हैं। सोलन में ही उनके परिवार के सदस्य रहते हैं।

आईएसजीपीबी फैलोशिप मिलने पर सोलन में उनके भतीजे संजय कोहली समेत अन्य परिजनों ने खुशी जताई। सोलन से उन्हें बेहद प्यार है और वह सेरी, मत्यूल व खनोग में सैर करने जाते हैं। डॉ. कोहली की पत्नी मारिया टैरेसा, बेटा अमित लंदन में इंजीनियर है और बेटी आरती अमेरिका में मनोचिकित्सक हैं।