सोलन: राजकीय महाविद्यालय सोलन में इतिहास और संस्कृत विभाग ने आईक्यूएसी (IQAC) के साथ मिलकर लिपियों में गूंज विषय पर एक दिलचस्प कार्यशाला आयोजित की। इसका मकसद छात्रों को हिमाचल की प्राचीन लिपियों जैसे ब्राह्मी, शारदा और टांकरी से परिचित कराना था, ताकि वे पुरानी पांडुलिपियों और शिलालेखों को पढ़ना और समझना सीख सकें।

छात्रों को इन पुरानी लिपियों का ज्ञान देने के लिए शिमला के राजीव गांधी राजकीय महाविद्यालय (चौड़ा मैदान) से इतिहास के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. किशोरी लाल चंदेल विशेष रूप से पहुंचे थे। उन्होंने छात्रों को ब्राह्मी, शारदा और टांकरी लिपियों की बारीकियां समझाईं। डॉ. चंदेल ने बताया कि हमारे इतिहास को गहराई से समझने के लिए इन लिपियों (Epigraphical importance) का ज्ञान होना कितना जरूरी है।
कॉलेज की प्राचार्या डॉ. मनीषा कोहली ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। उन्होंने इस पहल की तारीफ करते हुए कहा कि छात्रों के लिए अपने अतीत और धरोहर को जानने के लिए ऐसे मंच बहुत जरूरी हैं, जिससे वे अपनी जड़ों से जुड़ सकें।
इस कार्यक्रम की जिम्मेदारी डॉ. विवेक शर्मा, प्रोफेसर भुवनेश्वरी कश्यप और प्रोफेसर प्रमोद ने संभाली, जबकि मंच संचालन प्रोफेसर अलीशा चौहान ने किया। कार्यशाला में कॉलेज के कई वरिष्ठ प्रोफेसरों सहित 112 छात्रों ने पूरे उत्साह के साथ हिस्सा लिया। अंत में राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।