सोलन: राजकीय महाविद्यालय सोलन में आज “शिक्षा में कृत्रिम बुद्धिमत्ता अनुसंधान पद्धति और नवचारी शिक्षण उपकरणों का उपयोग के उभरते रुझान” (Emerging Trends in Use of Artificial Intelligence, Research Methodology and Innovative Teaching Tools in Education ) विषय पर एक कार्यक्रम आज दूसरे दिन भी जारी रहा।

कार्यक्रम का आयोजन महाविद्यालय की आंतरिक गुणवत्ता आश्वासनप्रकोष्ठ (IQAC) द्वारा करवाया जा रहा है। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय की प्राचार्या डॉक्टर मनीषा कोहली विशेष रूप से मौजुद रही। यह कार्यक्रम भी दो सत्रों में आयोजित किया जा रहा है, पहले सत्र में शूलिनी विश्वविद्यालय के डॉक्टर अमर राज सिंह ने अपना वक्तव्य ‘शिक्षा में कृत्रिम बुद्धिमत्ता-सीखने के अनुभवों में बदलाव’ (Artificial intelligence in education- Transforming learning experiences) विषय पर चर्चा की और बताया कि हम शिक्षा और अनुसंधान में कृत्रिम बुद्धिमत्ता “AI” उपकरणों का उपयोग कैसे कर सकते हैं। और यह दैनिक जीवन में किस प्रकार महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

दिन के दूसरे सत्र में प्रोफेसर सी. पी. भसीन (Former Senior Professor of Chemistry Hem. North Gujarat University Patan) ने ‘वैश्विक संदर्भ में भारतीय शिक्षा की स्थिति और हम विश्व स्तर पर शिक्षा में अग्रणी कैसे हो सकते हैं ’ (Status of our Indian Education in Global Context and How can we be a leader in education globally) विषय पर प्रतिभागियों से अपने विचार सांझा किए। प्रोफेसर भसीन ने वैश्विक और एशियाई संदर्भ में भारत के विभिन्न विश्वविद्यालयों और कॉलेजों की स्थिति , रैंकिंग और शिक्षा की गुणवता पर प्रकाश डाला। इस कार्यक्रम में आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (IQAC) के समन्वयक डॉक्टर अनिल ठाकुर सहित समिति सदस्य, महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक और अन्य स्थानीय और बाहरी महाविद्यालयों से आए प्रतिभागी मौजूद रहे।